सरकार पिछले एक महीने में खुले बैंक और लॉकरों के लेन-देन के पैटर्न की जांच कराएगी। ऐसा इसलिए किया जाएगा, ताकि किसी भी खाते में कालेधन को सफेद करने के लिए की गई विसंगति का पता लगाया जा सके। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि सेविंग और करंट अकाउंट की जांच की जाएगी। इसके अलावा, खाते से हुए लेन-देन और एक खाते से दूसरे खाते में भेजे गए पैसों की भी जांच की जाएगी। अधिकारी ने बताया कि इस बात की आशंका है कि नोटबंदी की घोषणा के बाद बैंक खातों को बेहिसाब नकदी को ठिकाने लगाने के मकसद से खुलवाया गया हो। हम लेन-देन की निगरानी करेंगे और कोई विसंगति या जमा की गई संदिग्ध राशि के बारे में उच्च अधिकारियों और संबंधित एजेंसियों को सूचित किया जाएगा।
सरकार की ओर से 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपए के नोटों का प्रचलन बंद करने के निर्णय की घोषणा के बाद से आयकर विभाग हजारों लोगों के पास से बेहिसाब नकदी को बरामद कर चुका है। गुरुवार को भी कर अधिकारियों ने 10.80 करोड़ रुपए का पता किया था, जिसमें से 8.8 करोड़ रुपए नए नोटों के रूप में थे। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष सुशील चंद्रा ने कहा कि विभाग को रियल टाइम इंफॉर्मेशन मिल रही है। हम पक्की सूचनाओं के आधार पर तलाशी और जब्ती कर रहे हैं। इसके अलावा हमने अपनी निगरानी बढ़ा दी है। वित्त मंत्रालय ने इससे पहले कहा था कि लोगों ने 1.64 करोड़ रुपए की अघोषित रकम का खुलासा किया था, जिन्होंने कभी आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया था। ऐसी धनराशि जमा करने वालों में ज्यादातर लोग कोलकाता के मिदनापुर, बिहार के आरा, कोच्चि और वाराणसी के रहने वाले थे।
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