सीतारमण ने लिखा कि ’21 साल आपने बतौर अमेरिकी सैनिक सेवाएं दीं और रिजर्व आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल बनीं। मेरी आपसे सीमित बातचीत हुई है, लेकिन मैं आपकी स्पष्ट सोच, समर्पण से बहुत प्रभावित हुई हूं।’
भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तुलसी गबार्ड को अमेरिका की नई खुफिया निदेशक नियुक्त होने पर बधाई दी। सीतारमण ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि ‘तुलसी गबार्ड को राष्ट्रीय खुफिया निदेशक बनने पर बधाई। 21 साल आपने बतौर अमेरिकी सैनिक सेवाएं दीं और रिजर्व आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल बनीं। मेरी आपसे सीमित बातचीत हुई है, लेकिन मैं आपकी स्पष्ट सोच, समर्पण से बहुत प्रभावित हुई हूं। बहुत बधाई।’
कौन हैं तुलसी गबार्ड
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तुलसी गबार्ड को राष्ट्रीय खुफिया विभाग का निदेशक नियुक्त किया है। तुलसी गबार्ड ने 21 साल तक अमेरिकी सेना में सेवाएं दी हैं। तुलसी साल 2003 में हवाई आर्मी नेशनल गार्ड में भर्ती हुईं थी और सैन्य सेवा के दौरान उन्होंने इराक और कुवैत में भी सेवाएं दी। उन्होंने आर्मी नेशनल गार्ड में उच्च पद पर काम किया।
हिंदू हैं तुलसी गबार्ड
तुलसी गबार्ड का जन्म प्रशांत महासागर के द्वीप समोआ में हुआ था। जब तुलसी दो साल की थीं तो उनका परिवार अमेरिका के हवाई में बस गया। तुलसी के पिता हवाई के सांसद रहे। तुलसी की मां बाद में हिंदू धर्म से जुड़ गईं। दरअसल वे 1970 के दशक में जगदगुरु सिद्धस्वरूपानंद परमहंस से जुड़ गईं और उनसे प्रभावित होकर तुलसी की मां और उनके पूरे परिवार ने हिंदू धर्म अपना लिया। तुलसी के परिजनों ने अपने बच्चों के नाम भी हिंदू धर्म से रखे। तुलसी जब अमेरिकी सांसद चुनी गईं तो उन्होंने गीता पर हाथ रखकर शपथ ली थी। ऐसा करने वाली वे अमेरिका की पहली सांसद हैं।
राष्ट्रपति पद के लिए भी पेश कर चुकी हैं दावेदारी
साल 2007 से 2009 तक तुलसी ने अमेरिकी सांसद डैनियल अकाका के विधायी सहायक के रूप में कार्य किया। उन्होंने 2010-2012 में होनोलुलु नगर परिषद के सदस्य के तौर पर जिम्मेदारी निभाई। तुलसी ने 2013-2016 तक डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी की उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया। 2012 चुनावों में गबार्ड अमेरिकी संसद के लिए निर्वाचित होने वाली पहली और एकमात्र हिन्दू बनीं। तुलसी गबार्ड जनवरी 2013 से लेकर जनवरी 2021 तक चार बार डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से सांसद रहीं।
साल 2020 में तुलसी ने डेमोक्रेट पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के लिए भी दावेदारी पेश की थी। हालांकि, पर्याप्त समर्थन न मिलने के बाद तुलसी ने अपनी दावेदारी वापस ले ली थी। बाद में तुलसी गबार्ड रिपब्लिकन पार्टी में शामिल हो गईं और अब ट्रंप सरकार में राष्ट्रीय खुफिया विभाग की निदेशक नियुक्त की गई हैं।