निर्भया के दोषियों की पुनर्विचार याचिका ठुकराने के बाद अब इनकी फांसी का रास्ता काफी हदतक साफ हो चुका है। अब इन दोषियों के पास क्यूरेटिव पिटिशन और फिर दया याचिका का विकल्प बचता है। इससे पहले कोर्ट ने तीन दोषियों की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के बाद 4 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस आर. भानुमति की बेंच इस मुद्दे पर सोमवार को अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप और मर्डर के तीन दोषियों विनय शर्मा, पवन और मुकेश की फांसी की सजा को बरकरार रखा। आपको बता दें कि दोषियों ने इस याचिका में फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग की थी। इस याचिका को मामले के तीन दोषियों की तरफ से दायर किया गया था। वहीं चौथे दोषी अक्षय ने पुर्नविचार याचिका दाखिल नहीं की थी।
16 दिसंबर 2012: दक्षिणी दिल्ली वसंतविहार इलाके में चलती बस में पैरामेडिकल की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर उसके दोस्त को पीटा गया। फिर निर्भया को बुरी तरह घायल कर दोनों को बस से फेंका गया।