सईद का कहना है कि जनवरी में कश्मीरियों के साथ एकजुटता माह की घोषणा करने के बाद उसे हिरासत में लिया गया. उसने अपनी रिहाई के आदेश को अपने ‘‘निर्दोष’’ होने के प्रमाणपत्र के रूप में पेश किया. सईद ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं कि मेरे खिलाफ कोई आरोप साबित नहीं हुआ है क्योंकि लाहौर हाई कोर्ट के तीन न्यायाधीशों ने मेरी रिहाई के आदेश दिए हैं. भारत ने मेरे खिलाफ आधारहीन आरोप लगाए हैं. लाहौर हाई कोर्ट के समीक्षा बोर्ड के फैसले ने साबित कर दिया है कि मैं निर्दोष हूं.

जमात-उद-दावा प्रमुख ने कहा कि भारत के अनुरोध पर अमेरिका ने पाकिस्तान पर दबाव बनाया था कि उसे हिरासत में लिया जाए. उसने दावा किया कि मुझे पाकिस्तान सरकार पर अमेरिका के दबाव के कारण हिरासत में लिया गया. अमेरिका ने भारत के अनुरोध पर ऐसा किया. लाहौर के जौहर टाउन में स्थित सईद के आवास पर बड़ी संख्या में एकत्र हुए जमात-उद-दावा के कार्यकर्ताओं ने उसकी रिहाई का जश्न मनाया. उन्होंने भारत-विरोधी नारे लगाए और अपने नेता को कि कश्मीरियों की एकमात्र आशा बताई.