‘नई पीढ़ी को डीमोटिवेट करना बन गई है लोगों की आदत’

sonunigam_indian_idol_7मुंबई: सिंगिंग रियलिटी शो ‘इंडियन आइडल’ से निर्णायक के रूप में वापसी कर रहे गायक सोनू निगम का कहना है कि लोग अतीत की तारीफ और मौजूदा पीढ़ी के संगीत की आलोचना करने के आदी हो गए हैं।

उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि लोग अतीत का गुणगान करने और वर्तमान की आलोचना करने के आदी हो गए हैं। ऐसा करना बिल्कुल गलत है। अगर आप सिर्फ मौजूदा संगीत परिदृश्य की आलोचना करते है तो फिर आप युवा प्रतिभा पर लगातार सवाल उठा रहे हैं। हालिया समय में पर्याप्त मात्रा में मूल संगीत रचना हुई है, जो बेहद शानदार है। संगीत कंपनियां युवा श्रोताओं तक पहुंचने के लिए पुराने गीतों के रीमिक्स तैयार कर रही हैं।” गायक ने कहा कि संगीत व्यवसाय अब बदल चुका है और अगर संगीत कंपनी पुराने गानों के रीमिक्स वर्जन के जरिए युवाओं के साथ जुड़ना चाहती है तो यह उचित है।

सोनू निगम रह चुके ‘इंडियन आइडल’

सोनू 2004 में ‘इंडियन आइडल’ के निर्णायक रह चुके हैं और वह 12 साल बाद फिर इस शो से जुड़ गए हैं। गायक ने कहा कि इस शो से जुड़ने का एक कारण इस शो के सह-निर्णायक और उनके दोस्त फराह खान व अनु मलिक हैं। सोनू निगम का मानना है कि युवा गायकों को सिर्फ गीत गाने पर ही ध्यान नहीं देना चाहिए, बल्कि किशोर कुमार, मोहम्मद रफी और अन्य दिग्गज गायकों की तरह नए गीतों की रचना करनी चाहिए।

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