न्यूजीलेंड के खिलाफ राजकोट में खेले गए दूसरे टी-20 मैच में भारत को हार का सामना करना पड़ा. भारत तीन मैचों की सीरीज का दूसरा मैच 40 रन से हार गया और सीरीज एक-एक से बराबरी पर आ गई है. मैच में पूर्व कप्तान एम एस धोनी के धीमी बल्लेबाजी को लेकर भी सवाल उठे. कोहली के साथ बल्लेबाजी करते है धोनी ने काफी धीमी शुरूआत की जिसके दवाब में आकर कप्तान विराट कोहली को भी अपना विकेट फेंकना पड़ा.
विराट कोहली ने मैच में खराब बल्लेबाजी को हार की वजह बताया. लेकिन मैच के 16वें ओवर में 36 वर्षीय धोनी की फिटनेस का एक और मुजाहिरा देखने को मिला जब उन्होंने खुद को स्टंपिंग होने से बचाया. दरअसल न्यूजीलैंड के स्पिनर मिशेल सेंटनर की बॉल पर धोनी ने तेज गति से रन बनाने के लिए आगे बढ़कर बल्ला घुमाया लेकिन बीट हो गए और अपना संतुलन खो बैठे.
धोनी के आगे निकलते ही विकेट के पीछे खड़े कीपर ने स्टंपिंग का मौका नहीं छोड़ा. लेकिन संतुलन खोए धोनी ने अपना पैर अंगद की तरह क्रीज पर जमाए रखा और खुद को स्ट्रेच कर लिया. मैदान पर धोनो अपने दोनों पैर फैलाए कैमरों में कैद हो गए. विकेट कीपर ने अंपायर से अपील की और फैसला थर्ड अंपायर को रेफर किया गया. मैदान में सन्नाटा सा छा गया, धोनी की किस्मत का फैसला आने वाला था. लेकिन धोनी की स्ट्रेच काम आई और वह नॉट आउट करार दिए गए.
अब धोनी के इस कारनामे को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा की जा रही है. कोई धोनी की स्टेगिं की तारीफ कर रहा है तो कोई उनके कीपिंग क्षमता पर कसीदे पढ़ रहा है. क्योंकि धोनी वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा बार स्टंपिंग करने वाले विकेट कीपर हैं, ऐसे में लोगों का कहना है कि उन्हें विकेट के पीछे स्टंप करना नामुमकिन है. धोनी ने 309 वन डे मैचों सबसे ज्यादा 103 बल्लेबाजों को स्टंप किया है उनके बाद पूर्व श्रीलंकाई कप्तान संगाकारा का नंबर आता है जिन्होंने 99 स्टंपिंग की हैं.
ट्विटर पर अंकित अग्रवाल नाम के यूजर ने धोनी की स्ट्रेच की तारीफ करते हुए लिखा कि छात्र धोनी को स्टंप करने की कोशिश न करें, वो स्कूल के प्रिंसिपल हैं. एक अन्य यूजर ने फोटो शेयर करते हुए लिखा धोनी रन रेट को स्ट्रेच कर रहे हैं. एक अन्य यूजर ने लिखा कि किंग ऑफ स्टंपिंग को स्टंप करना आसान नहीं है. कोई धोनी की फिटनेस ती तारीफ कर रहा है तो कोई उनके कीपिंग अनुभव की सराहना कर रहा है.