कोलकाता। दिल की बीमारियां रोकने के लिए सिर्फ यह मायने नहीं रखता कि आप क्या खाते हैं, बल्कि आप किस तरीके से पकाए गए खाने को खाते हैं, यह भी महत्वपूर्ण है।
अंतर्राष्ट्रीय शोधकर्ताओं की एक टीम के अनुसार, दक्षिण एशियाई लोगों को दिल की बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए सेहतमंद तेलों और धीमी आंच पर पका भोजन खाना चाहिए।
तेज आंच पर पका भोजन दक्षिण एशियाई देशों (भारत, श्रीलंका, पाकिस्तान, बांग्लादेश व विदेश) के लोगों की दिल की बीमारियों को बढ़ाने का एक प्रमुख कारण है, जबकि इसके विपरीत चीन के लोग कम आंच पर खाना बनाते हैं और तलने के बजाय उबालना ज्यादा पसंद करते हैं।
शोधपत्र की प्रमुख लेखिका स्मिता काकडे ने बताया कि तेज आंच पर पका भोजन ट्रान्स फैट एसिड और हानिकारक अणुओं का निर्माण करने वाले एंडवांस्ड ग्लाइकेशन-एंड-प्रोडक्ट्स को बढ़ावा देता है। इससे नए कंटेमिनेन्ट्स (नीयो फार्म्ड कंटेमिनेन्ट्स) बनते हैं।
काकडे के मुताबिक, “ऐसे विचार करने योग्य शोध सामने आए हैं, जिसमें कहा गया है कि कम आंच पर बना भोजन एनएफसी के निर्माण को रोकता है, जिससे हृदय रोग होने की कम संभावना होती है। कुछ तेलों (जैसे जैतून) में तेज आंच पर भोजन नहीं पकाया जा सकता। हम ऐसे ही तेल इस्तेमाल करने का सुझाव देते हैं।”
राय के मुताबिक, “हम इसे पूरी तरह से स्वास्थ्य के अनुकूल नहीं मान सकते। डार्क सोया सॉस हानिकारक होता है, इसलिए हम लाइट सोया सॉस का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन चीन के लोग खाने में कम तेल का इस्तेमाल करते हैं।”
अपोलो ग्लेनीग्लेस अस्पताल के इंटरवेंशनल कंस्लटेंट कॉर्डियोलॉजिस्ट सुर्वो बनर्जी ने आईएएनएस को बताया कि स्वास्थ्यप्रद खाने को भी गलत तरीके से बनाना नुकसानदेह हो सकता है। मछली को ज्यादा तेल में देर तक तलने के बजाय उसे सेंकना ज्यादा लाभदायक है।
स्वस्थ रहने के लिए कम तेल में कम आंच पर पका भोजन ही खाएं।
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