देहरादून: उत्तराखंड की धामी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को बड़ा झटका दिया है। दरअसल, राज्य सरकार ने वर्ष 2002 में नियमित हुए कर्मचारियों की वरिष्ठता खत्म कर दी है। इन कर्मचारियों को दी गई 11 साल की वरिष्ठता को रद्द किया गया है, जिससे अब उनके सामने एक नया संकट आ खड़ा हुआ है।
नाराज कर्मचारियों ने 12 जुलाई से आंदोलन करने की दी चेतावनी
बता दें कि वन विकास निगम के 1800 कर्मचारियों को बड़ा झटका दिया गया है। इस मामले में वन निगम के प्रबंध निदेशक एसपी ने सभी जीएम को कार्रवाई के आदेश भी दे दिए है। वहीं, सरकार के इस निर्णय से वन निगम के कर्मचारियों में आक्रोश की भावना साफ-साफ दिखाई दे रही है। इसी बीच नाराज कर्मचारियों ने 12 जुलाई से आंदोलन करने की चेतावनी दी है। इधर, वन विकास निगम कर्मचारी संगठन के प्रदेश महामंत्री प्रेम सिंह चौहान ने कहा कि यह निर्णय कर्मचारियों के साथ अन्याय है। शासन ने विभिन्न विभागों की राय के बाद वरिष्ठता दी थी और अब इसे निरस्त करने के खिलाफ वे आंदोलन करेंगे।
सभी की वरिष्ठता समाप्त करने का आदेश जारी
गौरतलब हो कि पिछले साल सरकार ने यह फैसला सुनाया था कि 2002 में नियमित हुए सभी कर्मचारियों को वर्ष 1991 से वरिष्ठता और वेतन भत्ते सहित सभी लाभ मिलेंगे। लेकिन अब लगभग डेढ़ साल बाद सरकार ने अचानक अपने आदेश को रद्द कर दिया और सभी की वरिष्ठता समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया है। सरकारी आदेश के बाद कर्मचारियों और पेंशनरों को वेतन और पेंशन में कटौती का सामना करना पड़ सकता है।