तेलंगाना में करीमनगर जिले के हुजूराबाद शहर में मंगलवार को दो बकरों को ‘गिरफ्तार’ करने का मामला सामने आया। इन दोनों बकरों पर एक एनजीओ के पौधों को चरने का आरोप लगा था। एनजीओ के कार्यकताओं ने उन दोनों बकरों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था।
पुलिस इंस्पेक्टर वासमशेट्टी माधवी ने आईएएनएस को बताया कि बकरे के मालिक ने नगर निगम प्राधिकरण को 1000 रुपये का जुर्माना भरा, तब उन दोनों बकरों को छोड़ा गया।
एनजीओ सेव द ट्रीज ने सरकारी अस्पताल परिसर में पौधे लगाए थे, उनमें से 150 पौधों को बकरे चर गए। एनजीओ के कार्यकर्ताओं ने इन दो बकरों को चरते समय ही पकड़ लिया और थाने ले जाकर पुलिस से इसकी शिकायत की।
पुलिस ने बताया कि बकरों की गिरफ्तारी नहीं हुई थी क्योंकि भारतीय दंड संहिता में जानवरों की गिरफ्तारी या सजा देने का कोई प्रावधान नहीं है।
पुलिस ने तब तक उन दोनों बकरे को नहीं छोड़ा जब तक कि उसके मालिक ने जुर्माना नहीं भरा। साथ ही पुलिस ने उसके मालिक को हिदायत दी कि वह दोबारा सार्वजनिक जगहों पर लगे पौधों को बकरे से न चराए।