भारतीय संस्कृति में गौ को माता कहा गया है क्योंकि जिसप्रकार एक माँ अपने बच्चे की जीवन भर देखभाल करती है उसी तरह भारतीय देशी गाय अपने दूध, घी,गोमय, गोमूत्र,से मनुष्य का पालन करती है | धार्मिक मान्यता और वैज्ञानिक पुष्टी से ये तथ्य साबित हुए है, के भारतीय देशी गाय के शरीर में जो पीठ की तरफ कूबड़ होता है उसमे सूर्य केतु नाड़ी होती है जो सूर्य किरण को सोखकर उससे दूध,गौमूत्र, गौमय में प्रवहित करती है| इससे गाय के दूध,गौ मूत्र, गौमय में औषदीय गुणों में बढ़ोतरी होती है और ये पदार्थ अनेक रोगों के उपचार में काम में आते है |

आइये जाने देशी गाय के शुद्ध घी के लाभ –
1 गाय का घी मनुष्यशरीर में पहुंचे रेडियोधर्मी विकिरणों का दुष्प्रभाव नष्ट करने की असीम क्षमता हैं । अग्नि में गाय का घी कि आहुति देने से उसका धुआँ जहाँ तक फैलता है, वहाँ तक का सारा वातावरण प्रदूषण और आण्विक विकरणों से मुक्त हो जाता हैं । सबसे आश्चर्यजनक बात तो यह है कि एक चम्मच गौघृत को अग्नि में डालने से एकटन प्राणवायु (ऑक्सीजन) बनती हैं जो अन्य किसी भी उपाय से संभव नहीं हैं|
2 गाय के घी में स्वर्ण छार पाए जाते हैं जिसमे अदभुत औषधिय गुण होते है, जो की गाय के घी के इलावा अन्य घी में नहीं मिलते ।देसी गाय के घी को रसायन कहा गया है। जो जवानी को कायम रखते हुए, बुढ़ापे को दूर रखता है|
3 गाय के घी में वैक्सीन एसिड, ब्यूट्रिक एसिड,बीटा-कैरोटीन जैसे माइक्रोन्यूट्रींस मौजूद होते हैं। जिस के सेवन
करने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है। गाय के घी से उत्पन्न शरीर के माइक्रोन्यूट्रींस में कैंसर युक्त तत्वों से लड़ने की क्षमता होती है।
4 गाय का घी नाक में डालने से पागलपन दूर होता है।
5 गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती है।
6 गाय का घी नाक में डालने से लकवा का रोग में भी उपचार होता है।
7 20-25 ग्राम घी व मिश्री खिलाने से शराब, भांग व गांझे का नशा कम हो जाता है।
8 गाय का घी नाक में डालने से कान का पर्दा बिना ओपरेशन के ही ठीक हो जाता है।
9 नाक में घी डालने से नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तारो ताजा हो जाता है।
10 गाय का घी नाक में डालने से कोमा से बहार निकल कर चेतना वापस लोट आती है।
11 गाय का घी नाक में डालने से बाल झडना समाप्त होकर नए बाल भी आने लगते है।
12 गाय के घी को नाक में डालने से मानसिक शांति मिलती है, याददाश्त तेज होती है।
13 हाथ पाव मे जलन होने पर गाय के घी को तलवो में मालिश करें जलन ढीक होता है।
14 गाय के घी का नियमित सेवन करने से एसिडिटी व कब्ज की शिकायत कम हो जाती है।
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