दुष्कर्मियों को फांसी की सजा का कानून बनाने के बाद अब केंद्र सरकार बच्चों के साथ घिनोना अपराध करने वालों के खिलाफ एक और सख्ती की पैरवी कर रही है. हाल ही में सरकार ने 12 साल से कम उम्र की बच्चियों का रेप करने के दोषियों के लिए फांसी की सजा का कानून बना दिया है. सुप्रीम कोर्ट की महिला वकीलों के एक ग्रुप ने PMO से मांग की है कि बच्चों के साथ रेप के दोषियों को नपुंसक बनाए जाने की सजा की भी व्यवस्था बनाई जाए
जिसे लेकर सरकार विचार कर रही है. फिलहाल प्रधानमंत्री कार्यालय ने महिला वकीलों की इस याचिका को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भेजा है और मामला विचाराधीन है. सुप्रीम कोर्ट की महिला वकीलों के संगठन SCWLA की ओर से भेजी गई याचिका में कहा गया है, ‘बच्चों के खिलाफ रेप और यौन शोषण के मामलों में बेहद तेजी से बढ़ोतरी हुई है. इसलिए इस संबंध में उचित कानून की तत्काल और बेहद जरूरत है.
याचिका में कहा गया है, कानून बनाना विधायिका के अधिकार क्षेत्र में आता है. इसलिए हमारी प्रार्थना है कि संसद बच्चों के साथ रेप और यौन शोषण के मामलों में मौत की सजा और नपुंसक बनाए जाने के कानून पर गंभीरतापूर्वक और जल्द से जल्द विचार करे.’