भारत समेत दुनिया भर में एक बार फिर से बड़ा साइबर अटैक हुआ है. ‘वानाक्राई रैनसमवेयर’ जैसे वायरस ने दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है. इस साइबर अटैक के चलते भारत के सबसे बड़े मुंबई स्थित कंटेनर पोर्ट जवाहर लाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (JNPT) समेत दुनिया की 20 बड़ी कंपनियों का कामकाज ठप हो गया. इस साइबर हमले की चपेट में एपी मोलर मार्सक भी है, जो JNPT स्थित गेटवे टर्मिनल इंडिया (GTI) को ऑपरेट करता है.
साइबर अटैक का सबसे ज्यादा यूक्रेन में हुआ, जहां सरकारी मंत्रालयों, बिजली कंपनियों और बैंक के कंप्यूटर सिस्टम में बड़ी खराबी आई है. दुनिया भर में साइबर हमले की चपेट में आई कंपनी एपी मॉलर-मैर्स्क (AP Moller-Maersk) ही भारत में JNPT पर गेटवे टर्मिनल्स इंडिया (GTI ) का संचालन करती है, जिसकी क्षमता 18 लाख स्टैंडर्ड कन्टेनर यूनिट की है. इससे पहले पिछले महीने हुए साइबर हमले में दुनिया के तीन लाख से ज्यादा कंप्यूटर चपेट में आए थे.
यूक्रेन का सेंट्रल बैंक, सरकारी बिजली वितरक कंपनी, विमान निर्माता कंपनी एंतोनोव और डाक सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. यूक्रेन की राजधानी कीव की मेट्रो में पेमेंट कार्ड काम नहीं कर रहे हैं. कई पेट्रोल पंपों का काम-काज रोकना पड़ा है. रूस की शीर्ष तेल उत्पादक कंपनी रोजनेफ्ट समेत कई बड़ी कंपनियों ने भी कहा है कि उनके यहां भी साइबर अटैक का असर हुआ है.
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इस बार साइबर हमलावर ने दुनिया की बड़ी शिपिंग, एयरलाइन्स और ऑयल कंपनियों की वेबसाइट की सुरक्षा में सेंध लगाई है. इस साइबर हमले के जानकारों का दावा है कि दुनियाभर की कम से कम 20 वेबसाइट को पेटरैप नाम के रैन्समवेयर ने अपने कब्जे में ले लिया और फिर उन्हें आजाद करने के लिए 300 डॉलर की फिरौती की मांग की. रूस की शीर्ष तेल उत्पादक कंपनी रोजनेफ्ट ने बयान जारी कर कहा है उसके ‘आईटी सिस्टम्स इस साइबर हमले के शिकार हुए हैं.’
माना जा रहा है कि यह साइबर अटैक रैनसमवेयर जैसा ही गंभीर हो सकता है. कंपनी ने कहा कि हालात का आकलन किया जा रहा है और जरूरी उपाय किये जा रहे हैं. कंपनी ने कहा कि बड़े साइबर अटैक ने उसके सर्विस सिस्टम को प्रभावित किया है. मॉस्को की एक साइबर सिक्युरिटी फर्म आईबी ने कहा कि उसे रूस और यूक्रेन में समान रूप से प्रभावित लोगों की जानकारी मिली है. वहीं, डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन स्थित ग्लोबल शिपिंग कंपनी ने कहा कि उसका कंप्यूटर सिस्टम भी साइबर अटैक से प्रभावित हुआ है.
ऐसा माना जा रहा है कि यह हमला यूक्रेन से किया गया है और पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले रहा है. साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, इसके स्पेन और भारत समेत अन्य देशों में भी फैलने की संभावना है. जो भी देश इसकी चपेट में आए हैं, वहां काफी बड़ी समस्या पैदा हो सकती है. हालांकि, अभी इस अटैक की वजहों का पता नहीं चल सका है. शुरुआती रिपोर्टों के मुताबिक यूक्रेन और रूस में एक ही समय में यह हमला किया गया है.