दुकान के बाहर सो रहे बिल्डिंग मैटेरियल व्यवसाई की सोमवार की रात धारदार हथियार से हत्या कर दी गई। घटना की जानकारी होते ही क्षेत्र में सनसनी फैल गई। लोगों में इस बात की चर्चा बनी रही कि आखिर हत्यारों ने मारने से पहले उसकी जीभ क्यों काटी। पुलिस हत्यारों की सुरागरसी करने में जुट गई है, वहीं स्वजनों ने किसी तरह की रंजिश होने से इंकार किया है।
चिल्ला कस्बे के ग्राम पपरेंदा निवासी 50 वर्षीय कामता प्रसाद गुप्ता करीब 25 वर्षों से सीमावर्ती छतरपुर मध्यप्रदेश जनपद के सरबई कस्बे वार्ड नंबर पांच में रहकर बिल्डिंग मैटेरियल का व्यवसाय करते थे। सोमवार देर रात वह दुकान के बाहर लगे टीनशेड के नीचे चारपाई पर सो रहे थे। रात में किसी समय धारदार हथियार से उनपर सिर व चेहरे पर वार करके लहूलुहान कर दिया।
उसे मरा हुआ समझकर हमलावर फरार हो गए। मंगलवार भोर पहर जागे पड़ोसियों ने चारपाई के पास उसे जमीन पर लहूलुहान पड़ा देखकर शोर मचाया। जमीन में पड़े वह कराह रहे थे और जीभ कटी होने की वजह से बोल नहीं पा रहे थे। सिर व चेहरे में गहरे जख्म थे। व्यवसाई का पुत्र प्रांशू व स्वजन उसे बांदा जिला अस्पताल ले जा रहे थे, इस बीच रास्ते में उसकी मौत हो गई।
परिवार वालों ने रंजिश से किया इंकार
प्रांशू ने पुलिस को बताया कि साढ़े 9 बजे रात में पिता घर से खाना खाकर हमेशा की तरह दुकान में सोने चले गए थे। उनकी कस्बे में किसी से रंजिश नहीं है। लूट व चोरी के इरादे से घटना को अंजाम देने की आशंका बनी है। सरबई थाना प्रभारी पंकज शर्मा का कहना था कि मामला संज्ञान में आया है। हत्यारों की सुरागरसी कर शीघ्र दबोचा जाएगा।
मौत के पहले कुछ लिखना चाहते थे कामता
व्यवसाई के स्वजनों ने पुलिस को बताया कि घायल अवस्था में सबसे पहले उन्हें पड़ोसियों की मदद से घर ले गए थे। जीभ कटी होने की वजह से बोल न पाने की स्थिति में कापी पेन मांगने का इशारा कर रहे थे। खडिय़ा दिए जाने पर उन्होंने जमीन में कुछ लिखना चाहा था लेकिन घायल होने की वजह से कुछ लिख नहीं पाए। आशंका है कि वह घटना के समय हत्यारों को पहचान गए थे, जिनके बारे में कुछ बताना चाहते थे।