हिसार। गुड़िया प्रकरण में पुलिस ने छह दिन बाद मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करने के बावजूद उसकी पहचान छिपाने का प्रयास किया। हालांकि शुक्रवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे एसआइटी आरोपी को बस्ती एवं घटनास्थल पर निशानदेही के लिए लेकर पहुंची तो उसका चेहरा बेनकाब हो गया। परिजनों के अनुसार पकड़ा गया आरोपी उनका पड़ोसी एक पैर से दिव्यांग सोमपाल (19) है। वह नशेड़ी है और असामाजिक गतिविधियों में संलिप्त रहा है।
पुलिस जांच में सामने आया है कि उसकी काफी दिनों से बच्ची पर बुरी नजर थी। वह उसे किसी न किसी बहाने से अपने पास बुलाकर उससे छेड़छाड़ करता था। कभी टॉफी देकर बुलाता था तो कभी खेलते हुए अपने पास बुलाकर गोद में बैठाकर गलत हरकत करता था। वह घर भी आता-जाता था।
वारदात की रात उसने स्मैक का नशा किया था। वह तेज आवाज में गाने सुन रहा था। करीब 12 बजे बच्ची बिस्तर से उठकर घर से बाहर निकली, जिसे सोमपाल ने देख लिया था। इसके बाद वह उसके पास गया और बहला-फुसलाकर अपने साथ टेलीफोन एक्सचेंज के पास लेकर चला गया था। वहां जाकर उसके साथ घिनौनी हरकत की और पास पड़ी 24 सेंटीमीटर लकड़ी संवेदनशील अंग में डाल दी। इस वजह से बच्ची अचेत हो गई थी और वह उसे छोड़कर वापस अपने घर जाकर सो गया था।
बता दें कि मृतका के परिवार ने वारदात के बाद सोमपाल पर शक जाहिर किया था। मृतका की चाची ने भी इस बारे में पुलिस को बताया था। उसने बताया था कि रात साढ़े 11 बजे गाने की आवाज सुनकर मृतका की मां झोपड़ी से बाहर आई थी, तब वह चौबारे में खड़ा था। आरोपी के साथ कुछ माह पहले विवाद हुआ था। उसने दुश्मनी निकालने की धमकी भी दी थी।
आरोपी रिमांड पर, एससी-एसटी एक्ट की धारा जोड़ी
पुलिस ने आरोपी को अदालत में पेश किया, जहां से उसे एक दिन के रिमांड पर हासिल किया है। इस मामले में सोमपाल के अलावा एक और आरोपी के नाम की चर्चा हुई थी। उसकी संलिप्तता है या नहीं, उसको लेकर खुलासा होना बाकी है। वहीं, पुलिस ने मामले में आरोपी के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट की धारा भी जोड़ दी है।
नाखून, बाल, खून, थूक, अंडर गारमेंट के सैंपल लिए
एसआइटी ने आरोपी सोमपाल का नागरिक अस्पताल में मेडिकल करवाया। इस दौरान उसके सिर, भौहें, दाढ़ी, पेट और संवेदनशील अंग से बालों सहित थूक, खून और अंडर गारमेंट के सैंपल लेकर सील किए हैं। इन्हें फोरेंसिक साइंस लैब में भेजा जाएगा, जहां घटना स्थल पर मिले साइंटिफिक साक्ष्यों और बच्ची के विसरा एवं स्वैब से मिलान किया जाएगा। उसकी रिपोर्ट आने के बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
एसपी हिसार मनीषा चौधरी का कहना है कि आरोपी से रिमांड के दौरान गहनता से पूछताछ की जाएगी। इस मामले में ठोस सबूत जुटा रहे हैं। हर एंगल से जांच कर रहे हैं ताकि सच्चाई सामने ला सकें। प्रारंभिक जांच में आरोपी ने घिनौने कांड को अंजाम देने की बात को कबूला है।
एक्सपर्ट व्यू
वरिष्ठ अधिवक्ता लाल बहादुर खोवाल का कहना है कि उकलाना गुडिय़ा प्रकरण में आरोपी बालिग है और उसने योजनाबद्ध तरीके से जघन्य अपराध किया है, जिसके साबित हो जाने पर दोषी को अदालत द्वारा कैपिटल पनिशमेंट, मृत्युदंड या फांसी तक की सजा सुनाई जा सकती है। दिल्ली और रोहतक निर्भया कांड में अदालत ने दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी।
पीडि़त परिवार को न्याय दिलाने और अपराधी को सख्त सजा दिलाने के लिए ठोस सबूत अहम है। पुलिस भी फाइल पर पुख्ता सबूत जुटाकर साबित करती है कि योजनाबद्ध तरीके से अपहरण, दुष्कर्म और क्रूरता से हत्या करके जघन्य अपराध हुआ है तो यह मामला रेयरेस्ट ऑफ द रेयर है। इसके अलावा इस घिनौने कांड में सरकार की तरफ से पीडि़त परिवार को मुआवजा दिया गया है।
मेडिकल को लेकर पुलिस का ड्रामा
अपराधी की पहचान छिपाने के लिए पुलिस हरसंभव प्रयास करती दिखी। पुलिस उसे लेकर शुक्रवार दोपहर को नागरिक अस्पताल में मेडिकल करवाने पहुंची। तब मीडिया कर्मियों को देखकर आरोपी का चेहरा शॉल से ढक दिया। दिव्यांग होने के कारण वह ठीक से चल भी नहीं पा रहा था। इसके बावजूद उसे ग्रिल के ऊपर से कूदाकर वार्ड नंबर 12 में लेकर आए। वहां मौजूद सर्जन उसे देखकर हैरान रह गए। बोले कि यहां क्यों आए हैं। एक इंस्पेक्टर ने जवाब दिया कि मेडिकल करवाना है। यह सुनकर सर्जन भड़क गए।
बोले कि उनके केबिन में आए ही क्यों? जब मेडिकल करवाने के लिए इमरजेंसी वार्ड में चिकित्सकों की टीम उपस्थित रहती है तो फिर यहां क्यों। करीब 15 मिनट वहां बैठकर पुलिस आरोपी को लेकर आरएमओ के केबिन में ले गई। वहां भी 15 मिनट बैठने के बाद इमरजेंसी वार्ड में चले गए और दरवाजा भी बंद करवा दिया। इस दौरान खुफिया तंत्र से लेकर सुरक्षा एजेंट, सुरक्षा प्रभारी सहित एसआइटी, शहर थाना की बस स्टैंड और अनाजमंडी चौकी का पुलिस बल वहां तैनात रहा।