रेस्तरां और दुकानों के बाद अब सीलिंग का संकट जिम और योग सेंटरों पर आया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मॉनीटरिंग कमेटी ने दिल्ली के तीनों नगर निगमों और दिल्ली विकास प्राधिकरण को रिहायशी इलाकों में चलने वाले जिम व योग सेंटर को सील करने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में हजारों जिम और योग सेंटर बंद हो सकते हैं। यही नहीं मॉनीटरिंग कमेटी ने निगमों को 22 अक्टूबर तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट सौंपने को भी कहा है।
कमेटी के मुताबिक उन सभी जिम व योग सेंटर को सील किया जाना चाहिए, जो वर्ष 2008 के बाद बने या चालू हुए हैं। दरअसल, मास्टर प्लान 2021 के अनुसार 12 अगस्त 2008 के बाद बने जिम और योग सेंटर को चलाने की अनुमति नहीं है। चाहे वह व्यावसायिक हो या फिर भूमिश्रित सड़क पर बने हों।
हालांकि, निगम का कहना है कि वह सुप्रीम कोर्ट से मिले आदेश का अध्ययन कर रहे हैं, फिलहाल कोई कार्रवाई का फैसला नहीं हुआ है। लेकिन, मॉनीटरिंग कमेटी के आदेश ने निगमों को परेशानी में जरूर डाल दिया है, क्योंकि इस आदेश के तहत हजारों की संख्या में जिम और योग सेंटर पर कार्रवाई करनी होगी। वहीं जिम और योग सेंटर चलाने वाले लोग निगमों से समाधान निकालने की मांग कर रहे हैं।
सीलिंग के आदेश से बढ़ी निगम के नेताओें की परेशानी दिल्ली में कुछ ही माह बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं, ऐसे में भाजपा शासित नगर निगमों की चिंता बढ़ गई है। अगर, सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मॉनीटरिंग कमेटी ने इस पर सख्त रुख अपनाया तो निगम अधिकारियों को इस पर कार्रवाई करनी पड़ेगी। इसमें निगम के नेताओं को जनता के गुस्से का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि, आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस इसको मुद्दा बना सकते हैं। इससे पहले मॉनीटरिंग कमेटी ने राजौरी गार्डन में करीब 500 से 600 दुकानों की सीलिंग का आदेश दिया था।
इस पर निगम के नेताओं ने साफ कहा था कि कोई भी सीलिंग नहीं होनी चाहिए। क्योंकि अभी 351 सड़कों को अधिसूचित करने का मामला लंबित है। वर्ष 2017 के दिसंबर से दिल्ली में मॉनीटरिंग कमेटी के निर्देश पर सी¨लग की कार्रवाई हो रही है। लोकल शॉपिंग सेंटर को सीलिंग से राहत दिलाने के लिए मास्टर प्लान 2021 में संशोधन भी किया जा चुका है।
इसको लेकर पार्टी के स्तर पर बैठक होगी। फिर डीडीए और केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के पास इसके समाधान के लिए निगम अपील करेगा। हमारी कोशिश हैं कि लोगों को किसी न किसी प्रकार से राहत दी जाए।