दिल्ली: NEET-PG काउंसलिंग में देरी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले डॉक्टरों के वेतन में कटौती

राजधानी दिल्ली के दो बड़े सरकारी अस्पतालों में बीते दिनों NEET-PG काउंसलिंग में देरी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले डॉक्टरों के वेतन में कटौती किए जाने का मामला सामने आया है। डॉक्टरों ने इस कदम को वादाखिलाफी बताते हुए गहरी नाराजगी जताई है।

जानकारी के अनुसार, बीते दिनों दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टरों द्वारा NEET-PG काउंसलिंग में देरी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन बंद करने के लगभग एक महीने बाद दिल्ली सरकार के गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल और इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन बिहेवियर एंड अलाइड साइंसेज (आईएचबीएएस) के डॉक्टरों ने कहा कि विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले कई डॉक्टरों के वेतन में कटौती की गई है। डॉक्टरों ने कहा कि उस वक्त सरकार उनके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई या वेतन कटौती नहीं करने का आश्वासन दिया था। 

यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज (यूसीएमएस) और उससे जुड़े जीटीबी अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने शनिवार को कहा कि पिछले साल नवंबर और दिसंबर में किए गए विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए डॉक्टरों का वेतन इसी महीने काट लिया गया। कुछ डॉक्टरों को विरोध की अवधि के लिए अनुपस्थित भी दिखाया गया है।

आरडीए ने एक बयान में कहा कि विरोध की अवधि के लिए रेजिडेंट डॉक्टरों का वेतन काटा गया। हम पूरे देश में स्वास्थ्य सेवा कार्यबल को बढ़ाने के लिए खड़े थे। बिना किसी आर्थिक और शैक्षणिक नुकसान के विभिन्न अधिकारियों के कई आश्वासनों के बावजूद, जीटीबी अस्पताल ने वेतन में कटौती की है।

IHBAS के आरडीए ने भी एक बयान में कहा कि विरोध प्रदर्शन की अवधि के लिए रेजिडेंट डॉक्टरों को अनुपस्थित दिखाकर वेतन काटा गया। हम एक बड़ी वजह से देश के लिए खड़े थे। दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने के संबंध में विभिन्न अधिकारियों के कई आश्वासनों के बावजूद IHBAS के रेजिडेंट डॉक्टर्स के वेतन में कटौती की गई है।

जीटीबी अस्पताल के आरडीए प्रतिनिधियों ने कहा कि उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को मामले में हस्तक्षेप करने के लिए पत्र लिखा है ताकि काटे गए वेतन को वापस किया जा सके और उपस्थिति बहाल की जा सके।

यूसीएमएस और जीटीबी अस्पताल आरडीए के अध्यक्ष डॉ. आदित्य एस ने कहा कि हमने इस मामले को सीएम और अस्पताल प्रशासन के साथ उठाया है। मामला अभी सुलझना बाकी है। कुछ डॉक्टरों के वेतन में लगभग 50% कटौती की गई है। डॉ. आदित्य ने कहा कि इस वेतन कटौती से लगभग 35 सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स और 50 से अधिक जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स प्रभावित हुए हैं।

हालांकि, IHBAS और GTB अस्पताल प्रशासन और दिल्ली सरकार ने कोई भी टिप्पणी करने के लिए HT के अनुरोधों का जवाब नहीं दिया।

डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (इंडिया) के साथ एक बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने 28 जनवरी को डॉक्टरों को आश्वासन दिया था कि विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। इसके साथ ही NEET-PG काउंसलिंग में तेजी लाई जाएगी, जिसके आधार पर एसोसिएशन ने 31 दिसंबर को अपना विरोध प्रदर्शन बंद करने का फैसला किया था।

फोर्डा ने वेतन कटौती के जवाब में एक बयान में कहा कि हम NEET-PG काउंसलिंग में तेजी लाने के लिए विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए GTB अस्पताल और IHBAS द्वारा रेजिडेंट डॉक्टरों की वेतन कटौती की कड़ी निंदा करते हैं। हम दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने का अनुरोध करते हैं।

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