दिल्ली हिंसा मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अपूर्वानंद से पांच घंटे तक पूछताछ की. अपूर्वानंद का मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया है. इस पूछताछ के बाद प्रोफेसर अपूर्वानंद ने कहा कि मैं जांच में सहयोग कर रहा हूं. विरोध प्रदर्शन करना सभी का मौलिक अधिकार है.
दिल्ली हिंसा की साजिश के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हिंसा के पीछे की बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए UAPA यानी गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून के तहत केस दर्ज किया है. प्रोफेसर अपूर्वानंद ने कहा कि मैं दिल्ली पुलिस से मांग करता हूं कि इस मामले में सही तरीके से जांच की जाए और किसी बेगुनाह को न फंसाया जाए.
शाहरुख की याचिका खारिज
इससे पहले बुधवार को दिल्ली की एक अदालत ने फरवरी में यहां हुई हिंसा के आरोपी शाहरुख पठान की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने अपनी जान को खतरा बताते हुए अदालत का रुख किया था. अदालत में सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने अदालत को बताया कि उसे सामान्य कैदियों के सेल में स्थानांतरित (शिफ्ट) नहीं किया जाएगा.
शाहरुख पठान ने 25 जुलाई को अदालत से कहा था कि वह उच्च-जोखिम (हाई रिस्क) वाले कैदियों के साथ ही रहना चाहता है, क्योंकि उसके जीवन को खतरा है और अगर उसे सामान्य कैदियों के साथ स्थानांतरित किया गया तो किसी भी तरह की अप्रिय घटना हो सकती है.
उत्तर-पूर्व दिल्ली में हिंसा के दौरान शाहरुख पठान को एक पुलिसकर्मी पर बंदूक तानते हुए देखा गया था, जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था. शाहरुख ने कहा कि जेल अधिकारियों द्वारा उसे मौखिक रूप से सूचित किया गया है कि उसे अब उच्च जोखिम वाले कैदियों के सेल से दूसरे स्थान पर सामान्य कैदियों के साथ स्थानांतरित किया जाएगा.
जेल अधिकारियों ने कड़कड़डूमा अदालत के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट फहद उद्दीन से कहा कि अभियुक्त को स्थानांतरित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है. इसके बाद अदालत ने कहा, तिहाड़ में सेंट्रल जेल नंबर-4 के उप-अधीक्षक के जवाब को देखते हुए आगे की कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है.अदालत ने अधिवक्ता असगर खान, अब्दुल ताहिर खान और तारिक नासिर द्वारा दायर किए गए पठान के आवेदन को खारिज कर दिया.