दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को मीडिया में प्रकाशित करने पर रोक लगाने की मांग की गई थी।

एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ने याचिका में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को प्रकाशित अथवा प्रसारित करने से मीडिया पर तब तक तत्काल रोक लगाने की मांग की थी, जब तक तीन न्यायाधीशों वाली जांच समिति किसी नतीजे तक नहीं पहुंच जाती है।
यहां पर बता दें कि एनजीओ ‘एंटी करप्शन काउंसिल ऑफ इंडिया’ की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया था कि मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ आरोप कहीं न कहीं भारतीय न्यायिक प्रणाली पर सीधा प्रहार करते हैं। याचिका में इलेक्ट्रॉनिक के साथ प्रिंट मीडिया के अलावा सोशल मीडिया के लिए भी निर्देश देने की मांग की गई थी।
याचिका ने कानून एवं न्याय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, दिल्ली सरकार, भारतीय प्रेस परिषद और दिल्ली पुलिस आयुक्त को पक्षकार बनाया गया है।
गौरतलब है कि CGI रंजन गोगोई के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों की आंतरिक जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम जज न्यायमूर्ति एसए बोबडे की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। और इसमें जस्टिस बोबडे के अलावा जस्टिस एनवी रमण और जस्टिस इंदिरा बनर्जी को शामिल हैं।
यह है पूरा मामला
सुप्रीम कोर्ट की एक पूर्व कर्मचारी ने सुप्रीम कोर्ट के 22 जजों को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने अक्टूबर 2018 में उनका यौन उत्पीड़न किया था। यह महिला जूनियर कोर्ट असिस्टेंट के पद पर कार्यरत थी। वहीं, रंजन गोगोई ने ही खुद पर लगे आरोपों को बड़ी साजिश बताया है।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal