दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने संबंधित विभागों के साथ शुक्रवार को उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में पर्यावरण विभाग, डीपीसीसी और विकास विभाग के अधिकारी शामिल रहे।
दिल्ली सरकार ने सर्दियों में होने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने संबंधित विभागों के साथ शुक्रवार को उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में पर्यावरण विभाग, डीपीसीसी और विकास विभाग के अधिकारी शामिल रहे। राय ने बताया कि 21 अगस्त को दिल्ली सचिवालय में पर्यावरण विशेषज्ञों के साथ सेव एन्वायरमेंट राउंड टेबल कांफ्रेंस का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान विशेषज्ञों की राय के आधार पर विंटर एक्शन प्लान बनाया जाएगा।
इस वर्ष जन भागीदारी द्वारा प्रदूषण को नियंत्रित करना सरकार का मुख्य उद्देश्य रहेगा।राय ने बताया कि बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण सुझाव आए हैं। इसमें मुख्य तौर पर कुछ फोकस बिंदु चिन्हित किए गए हैं। इसको केंद्र बिंदु बनाकर काम किया जाएगा। जैसे धूल प्रदूषण, वाहनों से होने वाले प्रदूषण, पराली की समस्या है, जगह-जगह जलाए जाने वाला कूड़ा है।
उन्होंने कहा कि सर्दी के मौसम में जगह-जगह कूड़ा जलाया जाता हैं। इसके अलावा औद्योगिक प्रदूषण है। इसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि दिल्ली के सभी पंजीकृत औद्योगिक ईकाइयों को पीएनजी में परावर्तित कर दिया गया हो। ग्रीन वार रूम और ग्रीन दिल्ली एप बनाया गया है। इसको और अपग्रेड करने का फैसला लिया गया है, ताकि और बेहतर तरीके से लोगों के साथ संवाद कर पाएं और उनकी शिकायतों पर उचित समय में कार्रवाई हो सकें।
फोकस बिंदु में हॉट स्पॉट
उन्होंने कहा कि अगला फोकस बिंदु हॉट-स्पॉट है। यह दिल्ली के वो इलाके हैं, जहां लोगों को सबसे ज्यादा प्रदूषण का शिकार होना पड़ता है। फोकस बिंदु रियल टाइम अपोर्शनमेंट स्टडी है, जिसके द्वारा रियल टाइम प्रदूषण से संबंधित कारणों का पता चलेगा फोकस बिंदु ई-वेस्ट इको पार्क है। इको पार्क का निर्माण दिल्ली के होलंबीकलां गांव में किया जा रहा है। यह इको पार्क जीरो वेस्ट पॉलिसी के आधार पर कार्य करेगा। सरकार का अगला फोकस बिंदु दिल्ली में हरित क्षेत्र को बढ़ाना रहेगा। प्रदूषण के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। साथ ही, फोकस बिंदु पटाखे पर प्रतिबंध है। यही नहीं प्रदूषण को नियंत्रित रखने के लिए केंद्र सरकार और पड़ोसी राज्यों के साथ संवाद स्थापित किया जाएगा।