नई दिल्ली: दिल्ली में स्कूल खोलने को लेकर दिल्ली सरकार की एक्सपर्ट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी क्लास के लिए स्कूल खोले जाएं. धीरे धीरे स्कूल खोलने की सिफारिश की गई है.
सबसे पहले बड़ी क्लास के छात्रों के लिए खोले जाने की भी बात कही गई है. उसके बाद मिडिल और आखिर में प्राइमरी स्कूल खोलने की सलाह दी गई है. स्कूल खोलने पर अंतिम फैसला DDMA की बैठक में होगा. दिल्ली में स्कूल किस तरह खोले जाएं इसको लेकर दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने एक एक्सपर्ट कमिटी के गठन किया था.
एलजी ने दिए थे एक्सपर्ट कमेटी बनाने के निर्देश
इससे पहले दिल्ली में स्कूल खोलने को लेकर उपराज्यपाल अनिल बैजल की अगुवाई में डीडएमए की एक बैठक हो चुकी है. इस बैठक में एलजी ने अधिकारियों को विस्तृत योजना तैयार करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्देश दिए थे. इसी के बाद दिल्ली सरकार ने एक एक्सपर्ट कमेटी बनाई थी.
डीडीएमए की इस बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत, एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया, नीति आयोग के सदस्य विनोद कुमार पॉल, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के निदेशक डॉ सुजीत सिंह, आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य कृष्ण वत्स भी मौजूद रहे.
स्कूल खोलने के पक्ष में दिल्ली सरकार, बच्चों के नुकसान का हवाला दिया
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बैठक के दौरान कहा कि लंबे समय से स्कूल बंद रखने से पढ़ाई का नुकसान हुआ है और अधिकतर अभिभावक दोबारा स्कूल खोले जाने के पक्ष में हैं. सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली सरकार की अभिभावक-शिक्षक बैठक में मौजूद रहने वाले आठ लाख अभिभावकों में से 90 फीसदी ने दोबारा स्कूल खोले जाने का समर्थन किया.
हिमाचल में 4 सितंबर स्कूल बंद
बता दें कि कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए हिमाचल प्रदेश की सरकार ने 4 सितंबर तक स्कूलों को बंद रखने का फैसला लिया है. मंगलवार को शिमला में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में ये फैसला लिया गया है. पहले 28 अगस्त तक स्कूलों को बंद रखने के आदेश दिए गए थे.