दलित परिवारों के मसीहा हैं मोदी के नए मंत्री अश्विनी चौबे, अब तक बनवा चुके हैं...

दलित परिवारों के मसीहा हैं मोदी के नए मंत्री अश्विनी चौबे, अब तक बनवा चुके हैं…

New Delhi: बिहार में बक्‍सर से लोकसभा सदस्‍य अश्विनी कुमार चौबे पांच दशकों से राजनीति में सक्रिय हैं। उनको बीजेपी का अनुभवी और मंझा हुआ नेता माना जाता है। 1970 के दशक में जेपी आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल रहे। उन्हें आपातकाल के दौरान मीसा के तहत हिरासत में लिया गया था।दलित परिवारों के मसीहा हैं मोदी के नए मंत्री अश्विनी चौबे, अब तक बनवा चुके हैं...अभी-अभी: राष्ट्रपति भवन पहुंचे PM मोदी, थोड़ी देर में शुरू होगा शपथ ग्रहण समारोह

‘घर – घर में हो शौचालय का निर्माण, तभी होगा लाडली बिटिया का कन्यादान’ का नारा देने का श्रेय भी चौबे को जाता है। साथ ही, उन्होंने महादलित परिवारों के लिए 11,000 शौचालय बनाने में भी मदद की। मई 2014 के आम चुनाव में 16 वीं लोकसभा के लिए चुने गए। वह ऊर्जा पर संसद की प्राक्‍कलन एवं स्थायी समिति के सदस्य हैं. वह केंद्रीय रेशम बोर्ड के भी सदस्य हैं।

 

 

भागलपुर के दरियापुर के रहने वाले चौबे बिहार विधानसभा के लिए लगातार पांच बार चुने गए। वह 1995 – 2014 तक बिहार विधानसभा के सदस्य रहे. वह बिहार सरकार में आठ साल तक स्वास्थ्य, शहरी विकास और जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी सहित अहम विभागों के पदभार संभाल चुके हैं। उन्होंने पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष के तौर पर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। वह 1974 से 1987 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे।

 

चौबे ने 1967 – 68 में बिहार सरकार के खिलाफ छात्र आंदोलन में भाग लिया था। उन्होंने केरल में 1972-73 में अखिल भारत छात्र नेता सम्मेलन में भी भाग लिया था। साल 2013 में अपने परिवार के साथ उन्होंने भीषण केदारनाथ बाढ़ का सामना किया था। उन्होंने इस आपदा पर ‘केदारनाथ त्रासदी’ पुस्तक भी लिखी है। उन्होंने प्राणि विज्ञान में बीएससी (ऑनर्स) किया है। योग में उनकी विशेष रूचि है।

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