दमोह में 40 डिग्री तापमान में भी दंड लगाते हुए बलखंडन माता के दरबार में पहुंचे भक्त

दमोह में बलखंडन माता के मंदिर में चैत्र नवरात्रि की नवमी को खास अंदाज में पूजा होती है। 40 डिग्री तापमान में भी भक्त दंड पेलते हुए माता के दरबार में पहुंचे और परंपरा को निभाया। 

दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लॉक के दसोंदी गांव में आग उगलती धूप के बीच आधे बदन भक्त दंड पेलते-पेलते आगे बढ़े। वर्षों पुरानी यह परंपरा 40 डिग्री तापमान में भी निभाई गई। सैकड़ों लोग इस परंपरा को देखने के लिए भी पहुंचे। 

दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लॉक की ग्राम पंचायत दिनारी के अंतर्गत दसोंदी गांव का यह नजारा है। मां बलखंडन के नाम से विख्यात खेरमाई का दरबार है। यहां लोग माता के प्रति अटूट आस्था रखते है। चैत्र नवरात्र की नवमी के दिन इस यहां विशाल मेला भरता है। सैकड़ों की सख्या में लोग गांव और आसपास के गांवों से पहुंचते हैं। लोग ऊपर कोई कपड़े पहने बिना देवी की पूजा-अर्चना करने घर से दंड भरते हुए मंदिर पहुंचते हैं। जय माता की, यह जयकारे भी लगाते हैं।

90 प्रतिशत रहते हैं मुस्लिम परिवार
दसोदी गांव मे रहने वाले लोगों में 90 प्रतिशत मुस्लिम हैं। कुछ हिन्दू परिवार भी इस गांव में हैं। जब धर्म और आस्था की बात आती है, तो देवी पूजा में मुस्लिम समाज के लोग सबसे आगे होते हैं। जो लोग माता की पूजा-अर्चना करने आते हैं, उनका हर कार्य में सहयोग करते हैं। दूरदराज से आने वाले भक्तों के लिए व्यवस्थाओं में कोई कमी नहीं होती। मुस्लिम समाज के लोग सुबह से कार्यक्रम खत्म होने तक व्यवस्था और देखरेख संभालते हैं। 

धूप का नहीं होता अहसास
बलखंडन माता के दरबार तक नवमी के दिन दासोंदी गांव के अलावा अन्य गांव के लोग करीब दो किमी तक अर्धनग्न अवस्था में देवी का जयकारा लगाते हुए मंदिर तक दंडवत जाते हैं। दंड भरने वाले भक्तों ने बताया कि बलखंडन देवी की कृपा से हम लोगों पर कभी कोई समस्या नहीं आती। आती भी है तो देवी उसे हर लेती है। तभी तो 40 डिग्री तापमान में भी दंड भरने वाले लोगों के शरीर बिल्कुल ठंडे हैं। उनके शरीर में किसी प्रकार का कोई दाग या जलन महसूस नहीं होती। सभी लोग जो दंड भरने वाले हैं वह मुख्य मार्ग से दंड भरते हुए देवी के मंदिर तक जाते हैं। यह विश्वास है कि जो लोग देवी के सामने सच्चे मन से मनोकामना मानते हैं, वह पूरी होती है। 

सैकड़ो वर्ष पुरानी है परंपरा
दसोदी गांव में देवी के प्रति ये आस्था आज से नहीं बल्कि सैकड़ो वर्ष से बनी हुई है। यहां चैत्र की नवमी के दिन मेला भरता है। गांव सहित दूरदराज से भक्त यहां पहुंचते है और देवी दर्शन कर माता का आशीर्वाद लेते है। बुधवार को भी दसोदी गांव में मेले का आयोजन हुआ। भक्त दंड भरते हुए देवी दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे। साथ ही इस मेले में बड़ी सख्या मे जनप्रतिनिधि, ग्रामीण भी मोजूद रहे। दिनारी सरपंच प्रतिनिधि भोजराज जैन ने बताया कि दसोदी गांव में बिराजी माता बलखंडन के नाम से जानी जाती है। प्रति वर्ष नवमी के दिन मेला लगता है। हर समाज का व्यक्ति शामिल होकर देवी की पूजा-अर्चना का लाभ उठाता है। 

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