पुरैना तालाब किनारे अवैध रूप से अतिक्रमण कर बनाए गए 9 मकानों को प्रशासन ने जेसीबी मशीन से तोड़ दिया। अमृत योजना के तहत तालाब का सौंदर्याकरण किया जाना है। इसके लिए तहसीलदार न्यायालय ने सभी अतिक्रमणकारियों को अपने अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस दिए थे।
शहर के पुरैना तालाब किनारे अवैध रूप से अतिक्रमण कर बनाए गए 9 मकानों को मंगलवार दोपहर जिला प्रशासन ने जेसीबी मशीन से तोड़ दिया। यहां पर लोगों ने तालाब किनारे अतिक्रमण कर मकान का निर्माण कर लिया था। अमृत योजना के तहत तालाब का सौंदर्याकरण किया जाना है। इसके लिए तहसीलदार न्यायालय ने इन सभी अतिक्रमणकारियों को अपने अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस दिए गए थे।
अधिकारियों की मौजूदगी में मंगलवार 9 अवैध मकानों को तोड़ा गया है।
इस दौरान प्रशासन को कुछ विरोध का सामना भी करना पड़ा। कुछ लोगों का कहना था कि यहां पर अन्य लोगों के द्वारा भी काफी आगे बढ़ाकर अपने मकान का निर्माण कर लिया है, लेकिन उनके अवैध निर्माण पर जिला प्रशासन के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की, केवल गरीब परिवारों के घरों को ही निशाना बनाया जा रहा है। इस ठंड के मौसम में इन गरीबों का घर टूटने से अब यह कहां रहेंगे। एसडीएम बागरी ने समझाया कि वह इन लोगों की उचित व्यवस्था करेंगे और जिन लोगों के द्वारा भी अतिक्रमण किया गया है।
जांच के बाद उनके अतिक्रमण भी हटाए जाएंगे। किसी को नहीं छोड़ा जाएगा। विरोध को देखते हुए कोतवाली व पुलिस लाइन से भी अतिरिक्त बल को बुलाया गया था। चारों ओर से मार्ग बंद करने के बाद पुरैना तालाब के इस बड़े अतिक्रमण को प्रशासन के द्वारा गिराया गया। दमोह एसडीएम आरएल बागरी ने बताया कि नोटिस देने के बाद एक दो लोगों ने तो अपने अतिक्रमण हटा लिए थे। लेकिन बाकी लोगों ने अतिक्रमण नहीं हटाया था। एक सप्ताह पहले भी प्रशासन की टीम यहां पहुंची थी और लोगों ने समय मांगा था, लेकिन उसके बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाया गया और इसलिए मंगलवार को यहां पर कार्रवाई की गई है।