इस बात पर विश्वास करने के कोई प्रमाणित सबूत नहीं है, लेकिन कुछ महिलाओं का मानना है कि यह सही है। इसका सिद्धांत यह है कि कई खांसी सिरप गुअइफ़ेनेसिन (guaifenesin) में सक्रिय घटक पतली ग्रीवा श्लेष्म का कारण हो सकता है और यह शुक्राणुओं को अंडे से मिलने की प्रक्रिया को आसान बना सकता है।
लेकिन इसका समर्थन करने के लिए कोई चिकित्सीय शोध (Medical research) नहीं है। लेकिन आपके लिए ऐसी दवा लेने का विचार अच्छा नहीं है जिसकी आपको जरूरत नहीं हो।
खजूर में विटामिन ए, बी, ई, आयरन और अन्य आवश्यक खनिज पाया जाता है जो गर्भधारण करने की क्षमता को बढ़ाता है। खजूर के बीज निकालकर इसे धनिया के जड़ों के साथ पीस लें और इस मिश्रण को गाय के दूध में उबाल लें। हफ्ते में दो बार इस दूध का सेवन करने से गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है।
यह एक ऐसा मसाला है जो महिलाओं के अंडाशय को अधिक क्रियाशील बनाने में मदद करता है। यह पीसीओएस के लक्षणों को कम कर मासिक धर्म को नियमित करता है। एक चम्मच दालचीनी पावडर को गर्म पानी में मिलाकर चाय के रूप में सेवन करने से गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है।
सालमन मछली में ओमेगा 3 फैटी एसिड और आवश्यक पोषक तत्व होता है और यह प्रेगनेंसी के लिए सुपर फूड माना जाता है। यदि जल्द गर्भवती होना चाहती हैं तो आपको रोज सालमन मछली खाना चाहिए।