दवाईयों का पत्ता खरीदते समय कई बार ध्यान चला जाता है कि आखिर दो गोलियों की इस दवाई के पत्ते में ये खाली जगह क्यूं है। ऐसा सिर्फ आप ही नहीं, ऐसा कई लोग सोचते है।
आपको भी लगता होगा कि जब इन स्पेसेस में दवाई नहीं होती, तो इन्हें बनाया ही क्यों जाता है? असल में इसके पीछे कुछ जरूरी कारण होते है। आपके मन में बार-बार आने वाले इस सवाल का जवाब हम आपको देंगे।
– दवाईयों के बीच होने वाली खाली स्पेस दवाइयों के केमिकल को आपस मे मिलने से रोकती है। इससे दवाइयां खराब नहीं होती है। जिससे किसी भी तरह के रिएक्शन होने का खतरा नहीं रहता है। ये दवाइयों को बचाए रखने के लिए होते हैं। कई बार ये स्पेस पत्तों को काटने में भी सुविधा देती है।
– पत्तों में बने खाली स्पेस दवाईयों को कहीं भी ले जाने और लाने के लिए बनाये जाते है। ये एक तरह से कुशनिंग इफेक्ट की तरह काम करती है। इससे ही दवाईयां आपस में नही मिलती, एक साथ रख कर ले जाना आसान होता है। इन खाली जगहों की वजह से ही दवाईयां पैकेजिंग मशीन के बीच में फंसती नहीं है।
– इसका एक कारण प्रिंट एरिया को बढ़ाना भी होता है। कई बार दवाई के पूरे पत्ते में सिर्फ़ एक ही गोली होती है। ऐसे में पत्ते के पीछे प्रिंट की जाने वाली तारीख, इसके कम्पाउंड्स, एक्सपायरी आदि जानकारियों को छापने के लिए जगह की जरूरत होती है। इसके लिए खाली स्पेस बनाये जाते हैं।
– ऐसा आपको सभी दवाईयों के पत्तो में नहीं देखेने को मिलता है। कुछ ही पत्तों में ऐसा होता है। कई बार डॉक्टर आपको हफ्ते में केवल एक ही बार दवाई का सेवन करने को कहता है। ऐसे में पत्तों को काटने से बचाने और दवाई की सही डोज के लिए भी ये स्पेस बनाए जाते है। ऐसे में आप दवाई के अलग-अलग पत्तों को खरीदेंगे जिससे आपके डोज सही रहें और आप कुछ कम या ज्यादा ना ले।
तो ये पढ़कर आप जान ही गए कि दवाई के पत्तों में खाली जगह क्यों होती है। अगली बार जब आप ऐसे पत्तों को देखेंगे तो आपके मन को ये सवाल परेशान नहीं करेगा।
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