विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के नेता प्रवीण तोगड़िया को गुजरात की एक अदालत से बड़ी राहत मिली है। तोगड़िया और 39 अन्य के विरुद्ध 1996 में दर्ज हत्या के प्रयास के मामले को वापस लेने की इजाजत दे दी। करीब 20 साल पुराने मामले के खत्म हो जाने पर तोगड़िया ने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी का शुक्रिया किया। इससे पहले एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट जे वी बरोत ने तोगड़िया के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया था और कोर्ट के सामने पेश होने के आदेश दिए थे। ये वारंट सभी 39 के खिलाफ जारी किया गया था।
तोगड़िया ने सीएम रुपानी समेत डिप्टी सीएम नितिन पटेल और राज्य के गृहमंत्री प्रदीप सिंह जडेजा का शुक्रिया किया। इस बीच तोगड़िया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर इशारों में तंज कसा और कहा कि आशा है मोटा भाई भी आसमान से नजर नीचे थोड़ी जमीन पर करके हमारे जैसे पुराने मित्रों से भी संवाद का कष्ट करेंगे। हम जमीन से जुड़े लाखों कार्यकर्ताओं से जुड़े हैं। तोगड़िया ने कहा कि विदेशों में संवाद करते हैं सभी हम जैसों से भी संवाद करें। साथ ही जिन सीढ़ियों से चढ़कर ऊपर गए, उन्हें तोड़ा नहीं जाता, क्योंकि ये भारत का संस्कार नहीं है।
तोगड़िया से जब पूछा गया कि उनके मोटा भाई कौन है, जिन्हें वे अपना संदेश दे रहे हैं, तो उन्होंने जवाब में कहा कि देश के मोटा भाई एक ही हैं। और मेरा संदेश साफ है कि हम दोनों मिलकर देश के लिए काम कर सकते हैं। बता दें कि ये मामला 20 मई 1996 का है जब बीजेपी के वरिष्ठ नेता आत्माराम पटेल और अन्य नेताओं पर हमला किया गया था। आत्माराम के ऊपर हुए हमले को आत्माराम धोती कांड के नाम से जाना जाता है।