पटना। राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि राजद अ्भी विधानसभा चुनाव कराने के पक्ष में नहीं है, क्योंकि बिहार ने पिछले चार साल में चार सरकारें देखी हैं और अब पाचवीं सरकार के लिए तैयार नहीं है। इस तरह बार-बार चुनाव कराने से अतिरिक्त बोझ जनता पर ही पड़ताहै और हम एेसा नहीं चाहते।
तेजस्वी ने कहा कि जनता के लिए एेसा नहीं किया जाना चाहिए, वैसे चुनाव जब भी हो राजद उसके लिए तैयार है और एेसी सरकार को जनता के साथ धोखा करती है उसे उखाड़ फेंकने को तैयार बैठी है। तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी राजनीति विरोधाभास से परिपूर्ण है। मुख्यमंत्री ऐसे जुगतपुरुष हैं जो दो घंटे पहले अपनी ही कही बात पर बहाने लगाकर ऐसे पलट जाते है कि उनके बहानों पर बहाने भी शरमा जाएं।
नीतीश कुमार को जदयू में संभावित टूट का पूर्ण अंदेशा हो गया है इसलिए टूट रोकने के लिए अब पलटी मारने के बाद कह रहे है की विधानसभा चुनाव तय समय पर होंगे। मुख्यमंत्री एक तरफ़ लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव कराने का राग अलापते है तो दूसरी तरफ़ कहते हैं कि चुनाव लोकसभा के साथ नहीं होगा। वो क्या चाहते है वो स्पष्ट करें क्यों गोल-मोल बातें कर रहे है?
नीतीश कुमार कुछ भी तर्क प्रस्तुत करें लेकिन यह यथार्थ है कि उनकी पार्टी में जनादेश की लूट के बाद एक अजीब घुटन और परेशानी है। निर्वाचित विधायकों को कार्यकाल पूर्ण नहीं करने का डर है तो साथ ही साथ हर बार एक नए गठबंधन में अपनी सीट खोने का।
जदयू के राजनीतिक उत्तराधिकारी दावा कर रहे थे कि राजद में टूट होगी लेकिन वो अबतक किसी पंचायत स्तर के पदाधिकारी को भी नहीं तोड़ पाए। नीतीश कुमार की कथनी और करनी के फ़र्क़ को पूरा देश जान चुका है। उन्हें अब आत्मचिंतन बाद कुर्सी प्रेम छोड़ अपनी राजनीति संभावित उतराधिकारी को सौंप देनी चाहिए क्योंकि वो भी आजकल उनको रिप्लेस करने लिए ज़्यादा ही व्याकुल है।