वहीं राठौड़ की पत्नी अनामिका इंजीनियरिंग ग्रेजुएट हैं और मल्टीनेशनल कंपनी में काम कर चुकी हैं। पति-पत्नी के इस फैसले की खबर पूरे इलाके में फैल चुकी है। हर कोई इस बात से हौरान है कि उन्होंने ये फैसला क्यों लिया, लेकिन बड़ा सवाल ये हैं कि दोनों के संन्यास लेने के बाद उनकी बच्ची का क्या होगा।
इस सवाल पर अनामिका के पिता अशोक चांदलिया का कहना है कि वह अपनी नातिन का ख्याल रख सकता हूं। उन्होंने कहा कि दोनों ने जो फैसला लिया है, उसे कोई नहीं बदल सकता है। वैसे भी किसी के धार्मिक फैसले पर रोक लगाना सही नहीं है।
वहीं सुमित राठौड़ के पिता ने भी अपने बेटे और बहू के फैसले को मंजूरी दे दी है। हालांकि राठौड़ और अनामिका के फैसले से घर वालों का ज्यादा आश्चर्य नहीं हुआ। क्योंकि उन्होंने इससे पहले भी संन्यास लेने की इच्छा जाहिर की थी। उस वक्त उनकी बेटी मात्र 8 महीने की थी।