पेइचिंग. तिब्बत में चीन की मौजूदगी के विरोध में 63 वर्षीय एक तिब्बती भिक्षु ने आत्मदाह कर लिया. कार्यकर्ताओं ने कहा कि इस साल ऐसा करने वाले वह पांचवें शख्स हैं. इंटरनैशनल कैंपेन फॉर तिब्बत (आईसीटी) ने कहा कि सिचुआन प्रांत के गांझी तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र के लोकप्रिय भिक्षु और ग्रामीण बच्चों के शिक्षक तेंगा ने खुद को आग लगाकर जान दे दी.
वहीं लंदन स्थित अभियान समूह फ्री तिब्बत ने घटनास्थल पर मौजूद टेंगा के एक दोस्त के हवाले से कहा कि भिक्षु ने खुद को आग लगाने से पहले नारा लगाया ‘हम तिब्बत में आजादी चाहते हैं’. संस्था ने एक मिनट की अवधि वाला एक वीडियो जारी किया, जिसमें भीड़ के सामने एक शख्स जलता हुआ दिखाई दे रहा है और लोग चुपचाप प्रार्थना करते हुए दिख रहे हैं.
आईसीटी का मुख्यालय वॉशिंगटन में है. इन्होने कहा कि वर्ष 2009 के बाद से आत्मदाह करने वाले वह 151वें तिब्बती हैं. इसी साल गांझी के रहने वाले एक अन्य तिब्ब्ती वांगचुक सेटेन ने भी आत्मदाह किया था. अधिकारियों ने बताया कि उन्हें इस हालिया घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
जानकारी के अनुसार भिक्षु ने खुद को आग लगाने से पहले नारा लगाया हम तिब्बत में आजादी चाहते हैं. संस्था ने एक मिनट की अवधि वाला एक विडियो जारी किया जिसमें भीड़ के सामने एक शख्स जलता हुआ दिखाई दे रहा है और लोग चुपचाप प्रार्थना करते हुए यह मंजर देख रहे हैं.
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