बीजिंग। डोकलाम विवाद से सबक सीखते हुए चीन ने रणनीति में बदलाव का ऐलान किया है. चीन के एक विशेषज्ञ ने कहा कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग के दूसरे कार्यकाल में चीन डोकलाम में टकराव और दक्षिण चीन सागर से जुड़े विवाद से ‘चतुष्पक्षीय’ तरीके से निपटेगा और अपने वैधानिक हितों की रक्षा के लिए सीधा मुकाबला करेगा.
चाइना इंस्टीट्यूट्स ऑफ कंटेम्पररी इंटरनेशनल रिलेशन के उपाध्यक्ष युआन पेंग ने कहा कि अतीत में हमें लगता था कि हम अंतरों को पाट देंगे. अब हम विवादों से चतुष्पक्षीय तरीके से निपटेंगे. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के पांच साल में एक बार होने वाली हालिया कांग्रेस को लेकर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने यह बात कही. युआन ने कहा कि शी के नेतृत्व में चीन डोकलाम जैसे मुद्दे से सीधे तरीके से निपटेगा.
भारत और चीन के बीच करीब ढाई महीने तक डोकलाम विवाद चला था. इस दौरान दोनों देशों की सेना एक दूसरे के सामने डटी रही. चीनी सेना, सरकार और और थिंक टैंक की तरफ से भारत को सबक सिखाने की कई बार धमकी दी गई, लेकिन भारत ने धैर्य रखते हुए समझबूझ दिखाई. बाद में दोनों देशों ने कूटनीतिक स्तर पर बातचीत कर मामले को सुलझाया.
इस मामले पर चीन की ही किरकिरी हुई क्योंकि उसने हर मौके पर भारत को दबाव में लेने की कोशिश की और युद्ध की धमकी दी. इससे बेपरवाह भारत ने साफ कर दिया कि इस मसले का हल बातचीत से ही हो सकता है और दोनों देशों की सेनाओं को एक साथ हट जाना चाहिए. पहले चीन इस बात पर अड़ा था कि भारत अपनी सेना को पहले हटाए. बाद में उसे भारत के सामने झुकना पड़ा.
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