Government Teacher Reality: हम अपने बच्चों को स्कूल भेजते हैं ताकि वे पढ़-लिख सकें और सही ज्ञान पा सकें. साथ ही वे शिक्षा पाकर अपना भविष्य संवार सकें. लेकिन जब स्कूल के शिक्षक को ही कुछ ज्ञान न हो तो सोचिए कि वह बच्चों को भला क्या पढ़ा पाएगा. हाल ही में ऐसा एक मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जहां टीचर तीसरी क्लास के बच्चों को अंग्रेजी नहीं पढ़ा पाए हैं.

प्रिंसिपल को छोड़कर कोई शिक्षक नहीं पढ़ा पाया अंग्रेजी
यह शर्मनाक घटना बिहार के अररिया जिले की है, जहां के एक स्कूल में शिक्षक, क्लास तीन के बच्चों को अंग्रेजी नहीं पढ़ा पाए. दरअसल, जिले के जोकीहर प्रखंड के एक उत्क्रमित विद्यालय में डीएम इनायत खान निरीक्षण करने पहुंची थीं. इस दौरान उन्होंने टीचर्स को तीसरी कक्षा के बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाने के लिए कहा. लेकिन प्रिंसिपल को छोड़कर कोई भी टीचर तीसरी क्लास के बच्चों को इंग्लिश नहीं पढ़ा सका.
डीएम ने तुरंत लिया ये एक्शन
इतना ही नहीं, बच्चों को उन्हें अंग्रेजी, मैथ और साइंस पढ़ाने वाले टीचर्स के नाम ही नहीं पता थे. इसके बाद डीएम ने बीईओ को तत्काल उस स्कूल के दो शिक्षकों के ट्रांसफर का आदेश दे दिया. साथ ही डीएम ने प्रिंसिपल को विद्यालय में पठन-पाठन में सुधार करने के निर्देश दिए. शिक्षकों के इंग्लिश नहीं पढ़ा सकने वाली इस शर्मनाक बात की चर्चा पूरे इलाके सहित सोशल मीडिया पर हो रही है.
पहले भी सामने आ चुकी है शिक्षा की बदहाली
बता दें कि इससे पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है जब बिहार में शिक्षा की स्थिति को लेकर सवाल खड़े हुए हैं. वहां के स्कूलों में शिक्षकों के ऐसे कई वीडियो सामने आ चुके हैं जिनमें वे छोटे-मोटे सवालों के जवाब देने में भी नाकाम नजर आए हैं. इस मामले को लेकर लोग सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं.
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