डायबिटीज, दुनियाभर में तेजी से बढ़ती गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। हर साल लाखों लोगों में इस गंभीर रोग का निदान होता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक आहार और जीवनशैली में गड़बड़ी के साथ आनुवांशिक कारणों के चलते भी मधुमेह की समस्या हो सकती है। डायबिटीज को ‘साइलेंट किलर’ के रूप में जाना जाता है, जो शरीर में कई अन्य गंभीर बीमारियों का भी कारण बन सकती है। करीब एक दशक पहले तक डायबिटीज को उम्र बढ़ने के साथ होने वाली बीमारी माना जाता था, हालांकि अब बहुत ही कम उम्र के लोगों में भी इस रोग का निदान किया जा रहा है।
विशेषज्ञों के मुताबिक मधुमेह, मेटाबॉलिज्म से संबंधित रोग है, जिसमें ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। मधुमेह की स्थिति में आपका शरीर या तो पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता है या फिर जो इंसुलिन बनाता है उसका प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं हो पाता है। आइए आगे की स्लाइडों में डायबिटीज रोग के बारे में विस्तार से जानते हैं।
डायबिटीज कितने प्रकार का होता है?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़ने के कारण होने वाली इस बीमारी के मुख्यरूप से चार प्रकार होते हैं।
टाइप 1 डायबिटीज: यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली अग्न्याशय की कोशिकाओं पर हमला कर देती है जिससे इंसुलिन का उत्पादन प्रभावित हो जाता है। मधुमेह के लगभग 10 प्रतिशत लोगों में इस प्रकार की समस्या होती है।
टाइप 2 डायबिटीज: इस स्थिति में आपका शरीर इंसुलिन प्रतिरोधी हो जाता है और रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़ने लगती है।
प्रीडायबिटीज: रक्त शर्करा सामान्य से अधिक लेकिन टाइप 2 मधुमेह के निदान के लिए पर्याप्त न होने की स्थिति।
गर्भावधि मधुमेह: यह गर्भावस्था के दौरान होने वाली मधुमेह की समस्या है।
डायबिटीज के क्या लक्षण होते हैं?
डॉ अल्तमश शेख बताते हैं, डायबिटीज महिला और पुरुष दोनों को हो सकती है, हालांकि दोनों में कुछ लक्षणों में भिन्नता हो सकती है। मधुमेह के सामान्य लक्षणों के अलावा पुरुषों में सेक्स ड्राइव में कमी, स्तंभन दोष (ईडी) और मांसपेशियों की कमजोरी हो सकती है, वहीं महिलाओं को डायबिटीज के कारण मूत्र मार्ग का संक्रमण, यीस्ट संक्रमण और शुष्क, खुजली वाली त्वचा जैसे लक्षण भी हो सकते हैं। इसके अलावा डायबिटीज की स्थिति को इन लक्षणों से भी पहचाना जा सकता है।
वजन घटना
बार-बार पेशाब आना
धुंधला दिखाई देना।
अत्यधिक थकान।
घाव जो ठीक लंबे समय तक ठीक नहीं होते।
बाथरूम की सीट के आसपास चींटियां दिखाई देना।
डायबिटीज होने के क्या कारण हैं?
डॉ शेख बताते हैं, डायबिटीज के कारण लिंग, उम्र और मेडिकल स्थिति के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। यदि आपके माता-पिता को डायबिटीज रहा हो तो बच्चों में भी इसका खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा आहार में चीनी युक्त चीजों का अधिक सेवन, शारीरिक गतिविधि में कमी, मोटापा आदि के कारण भी इसका जोखिम बढ़ जाता है। समय के साथ डायबिटीज के कारण हृदय रोग, हार्ट अटैक, स्ट्रोक, न्यूरो, आंख और कान से संबंधित समस्याएं भी हो सकती हैं।
डायबिटीज का इलाज
डॉ अल्तमश बताते हैं, डायबिटीज के इलाज का पहला लक्ष्य रोगी के ब्लड शुगर स्तर को कम करके अन्य जटिलताओं के खतरे को कम करना होता है। रोगी के लक्षण और गंभीरता को देखते हुए दवाइयां या फिर इंसुलिन दी जा सकती है। डायबिटीज के रोगियों को कार्बोहाइड्रेट और मीठी चीजों के सेवन से परहेज की सलाह दी जाती है। डायबिटीज के इलाज में बचाव और व्यायाम का बड़ा रोल होता है।
डायबिटीज से कैसे रहें सुरक्षित?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक टाइप 1 डायबिटीज को रोका नहीं जा सकता क्योंकि यह प्रतिरक्षा प्रणाली की समस्या के कारण होने वाली दिक्कत है। वहीं टाइप 2 मधुमेह के कुछ कारण, जैसे कि आपके जीन या उम्र, आपके नियंत्रण में नहीं होते हैं। इसके अलावा डायबिटीज से बचाव के लिए इन उपायों को प्रयोग में लाया जा सकता है।
सप्ताह कम से कम 150 मिनट एरोबिक व्यायाम करें, जैसे पैदल चलना या साइकिलिंग करना।
रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट के साथ सेचुरेटेड और ट्रांस फैट का सेवन करने से बचें।
फल, सब्जियां और साबुत अनाज का सेवन अधिक करें।
भोजन को थोड़ा-थोड़ा करके हर 2-2 घंटे पर कुछ खाते रहें।
यदि आपका वजन अधिक है तो इसे कम करने की कोशिश करें।