अगर ठंड के मौसम में आप यह सोचकर रम, वोदका या विस्की के दो पेग ले रहे हैं कि इससे कुछ गर्मी मिलेगी तो आप गलत हैं। SGPGI के कार्डियॉलजिस्ट डॉ.पी के गोयल के मुताबिक पेग लगाने से शरीर कुछ देर के लिए तो गर्म हो जाता है, लेकिन बाद में अचानक बीपी और डायबीटीज बढ़ सकता है जिससे जान को खतरा हो सकता है। लिहाजा खासतौर पर जो लोग ब्लड प्रेशर, डायबीटीज और हृदय रोग से ग्रस्त हैं उन्हें ठंड के मौसम में शरीर में गर्मी लाने के मकसद से शराब का पेग लगाने से बचना चाहिए।
तेल और मक्खन से भी करें परहेज
ठंड के मौसम में डायबीटीज, हार्ट और हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए समस्याएं बढ़ते लगती हैं क्योंकि शरीर में खून गाढ़ा हो जाता है और धमनियों में सिकुड़न होने लगती है। इससे खून पूरी रफ्तार से धमनियों में दौड़ नहीं पाता है। इसकी वजह से खून में थक्का जमने की आशंका बढ़ जाती है इसलिए डॉक्टरों की सलाह है कि ऐसे लोगों को ठंड में तेल और मक्खन से बने खाद्य पदार्थों से भी बचकर रहना चाहिए। कोशिश करनी चाहिए कि रोजाना व्यायाम से खुद को वार्मअप करें। सूर्य निकलने के बाद ही मॉर्निंग वॉक पर जाएं। शराब का सेवन पूरी तरह से बंद कर दें।
20 फीसदी बढ़े मरीज
ठंड में अस्पतालों की ओपीडी में पहले से बीपी और डायबीटीज के शिकार मरीजों की संख्या में करीब 20 फीसदी का इजाफा देखने को मिलता है। इसमें कई मरीजों की हालत गंभीर होने पर उन्हें भर्ती तक करना पड़ता है। ऐसे में जरूरी है कि डायबीटीज, बीपी और हार्ट के मरीज हफ्ते में एक बार डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
नमक कम खाएं
सर्दियों में ज्यादा मेहनत का काम न करने से शरीर में पसीना कम निकलता है, जिससे शरीर से अतिरिक्त नमक निकल नहीं पाता है। इससे बीपी बढ़ने की समस्या होती है। हाई बीपी के मरीजों को नमक का प्रयोग कम करना चाहिए क्योंकि रक्तचाप बढ़ने के कारण ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
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