ट्रैक्टर के कल-पुर्जों, कपड़े के जॉब वर्क पर GST में भारी कमी

ट्रैक्टर के कल-पुर्जों, कपड़े के जॉब वर्क पर GST में भारी कमी

जीएसटी परिषद की शनिवार हुई बैठक में कपड़ों की सिलाई से लेकर उनमें कशीदाकारी करने जैसे जॉब वर्क पर जीएसटी दर को 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का फैसला किया गया है. ट्रैक्टर के कुछ कलपुजों पर भी जीएसटी दर में कटौती की गई है. इसके साथ ही माल का परिवहन करने से पूर्व उसके पंजीकरण संबंधी ई-वे बिल के प्रावधानों को भी कुछ राहत देते हुए अंतिम रूप दे दिया गया.ट्रैक्टर के कल-पुर्जों, कपड़े के जॉब वर्क पर GST में भारी कमी

वित्तमंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली माल एवं सेवाकर जीएसटी परिषद की बैठक में कपड़ा क्षेत्र में सिलाई, बुनाई से लेकर कढ़ाई करने जैसे जॉब वर्क पर जीएसटी दर को 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का निर्णय किया गया. पांच प्रतिशत की यह दर परिधानों, शॉल और कालीन में किये गये जॉब वर्क पर भी लागू होगी.

खेती में काम आने वाले विभिन्न उपकरणों को सस्ता करने के लिये परिषद ने ट्रैक्टर के कुछ कलपुर्जों पर भी जीएसटी दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने पर सहमति जताई है. इसके अलावा सरकारी कार्य अनुबंधों में भी इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा के साथ 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया जायेगा. जीएसटी परिषद की 20वीं बैठक के बाद जेटली ने बताया कि परिषद ने 50,000 रुपये से अधिक राशि वाले सभी सामानों को दस किलोमीटर से अधिक दूरी पर ले जाने पर पहले ही ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा.

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परिषद ने 15 दिन के भीतर मुनाफाखोरी-रोधी उपायों और जांच समिति बनाने को भी सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दे दी. यह समिति इस पर गौर करेगी कि जीएसटी दर में कमी किये जाने के बावजूद इसका लाभ उपभोक्ता तक पहुंचाया गया या नहीं? जेटली ने बताया कि जीएसटी से छूट प्राप्त सामान को ई-वे बिल के दायरे से बाहर रखा गया है. यह जीएसटी परिषद द्वारा इस संबंध में तैयार किये गये मसौदा नियमों में कुछ राहत दी गई है. ई-वे बिल संभवत: एक अक्तूबर से अमल में आ जाएगा. इस तरह जो परमिट जारी किया जाएगा, उसके तहत एक दिन में 100 किलोमीटर तक माल का परिवहन किया जा सकेगा. इसके बाद प्रत्येक दिन में इतनी ही दूरी में माल परिवहन हो सकेगा.

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बताया कि 71 लाख से ज्यादा केंद्रीय और राज्य स्तरीय करदाता पुरानी व्यवस्था से निकलकर जीएसटी व्यवस्था में आ गए हैं और उन्होंने पंजीकरण कार्य पूरा कर लिया है. इसके अलावा 15.67 लाख नए आवेदन पंजीकरण के लिए प्राप्त हुए हैं. वित्तमंत्री ने व्यापारियों और उद्योगपतियों से अपील की है कि वे जीएसटी की घटी दर का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाएं, अगर ऐसा नहीं किया गया तो उसके बाद मुनाफाखोरी-रोधी प्रणाली को अमल में लाया जायेगा.

जीएसटी परिषद की अगली बैठक नौ सितंबर को हैदराबाद में होगी. इस बैठक में कई चावल मिलों के मुद्दे पर विचार किया जा सकता है. चावल मिल अपने ब्रांड का पंजीकरण रद्द करवा रहीं हैं, ताकि वह जीएसटी के तहत कर से बच सकें. जीएसटी के तहत बिना ब्रांड वाले खाद्य उत्पादों को छूट मिली है, जबकि ब्रांड और पैकिंग वाले खाद्य उत्पादों पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लागू है.

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