चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम एक बार फिर ऐतिहासिक पल का गवाह बना। अपने करियर का तीसरा टेस्ट खेल रहे करुण नायर वीरेंद्र सहवाग के बाद तिहरा शतक बनाने वाले दूसरे भारतीय बने। लेकिन आपको एक बात जानकर अचंभा होगा कि नायर ने ऐसा कारनामा टूटे बैट से कर दिखाया जो 84 साल के भारतीय क्रिकेट इतिहास में इससे पहले केवल दो बार हुआ है। चेन्नई टेस्ट के चौथे दिन करियर का पहला शतक पूरा करने के बाद नायर 105 रन पर खेल रहे थे। तभी इंग्लैंड के तेज गेंदबाज बेन स्ट्रोक्स की एक शॉर्टपिच गेंद उनके बल्ले का ऊपरी किनारा लेते हुए विकेट कीपर के ऊपर से होती हुई चार रन के लिए चली गई। बॉल इतनी तेज थी कि गेंद बैट के जिस हिस्से में लगी वह टूट गया। स्ट्रोक्स का ओवर खत्म होने के बाद नायर अंपायर के पास पहुंचे और बैट का टूटा हुआ हिस्सा अंपायर के सुपुर्द कर दिया। इसके बाद उन्होंने उसी बल्ले से खेलना जारी रखा। इसी बल्ले से खेलते हुए नायर ने पहले बाद में इसी बैट से 306 गेंदों में दोहरा शतक पूरा किया। इसके बाद इसी बैट से अंतिम 103 रन महज 81 गेंदों में ठोक डाले और इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करा लिया।टूटे बल्ले से खेली 381 गेंदों की 303 रन की पारी में नायर ने 32 चौके और 4 छक्के लगाए।