यह भारतीय क्रिकेट के लिए बेहद शर्मनाक बात है कि टीम इंडिया को दो बार विश्व कप दिलाने वाला क्रिकेटर आज अपना जीवन चलाने के लिए दर-दर भटक रहा है. कोई यकीन नहीं करेगा कि क्रिकेट से जुड़ा कोई शख्स इतना मजबूर हो सकता है कि उसे अपना जीवन यापन करने के लिए नौकरी खोजनी पड़ रही है.
 भारत को दो बार नेत्रहीनों का विश्वकप जिताने वाले !
भारत को दो बार नेत्रहीनों का विश्वकप जिताने वाले !
जी हां, भारत में क्रिकेट स्टारों के पास पैसा और शोहरत की कोई कमी नहीं होती. लेकिन इसके बाद भी एक ऐसा ये वाकया सामने आया है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक टीम इंडिया के लिए 13 साल तक क्रिकेट खेलने वाले शेखर नायक आज बेरोजगार है. भारत को दो बार नेत्रहीनों का विश्वकप जिताने वाले शेखर नायक की जिसकी स्थिति ऐसी है कि हर किसी को अफ़सोस होगा.
शेखर इस समय बेरोजगारी की मार झेल रहे है. एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत को इस श्रेणी में दो बार वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाले शेखर नायक इस समय बेरोजगार हैं. कर्नाटक के शिमोगा जिले में शेखर का जन्म हुआ. जन्म के समय से ही उनकी आंखों में रोशनी नहीं थी. शेखर ने यहां के शारदा देवी स्कूल फॉर ब्लाइंड में पहली बार क्रिकेट सीखा. फिर वह राष्ट्रीय टीम के लिए चुने गए.
2002 से लेकर 2015 तक वह टीम इंडिया का हिस्सा रहे. 5 साल तक उन्होंने टीम के लिए कप्तान भी की. वह 2010 से लेकर 2015 तक टीम के कप्तान रहे. उनकी अगुआई में भारत ने पहली बार बेंगलुरु में टी-20 विश्व कप और 2015 में केपटाउन में क्रिकेट विश्व कप जीता था. 30 की उम्र पार करते ही वह टीम से बाहर हो गए.
शेखर का कहना है कि, ”जब लोग मेरी तारीफ करते हैं तो मैं खुश हो जाता हूं. लेकिन पत्नी और दो बेटियों के लिए चिंतित भी हो जाता हूं. मैंने सांसदों और विधायकों से नौकरी देने की गुजारिश की है. उन्होंने मुझे आश्वासन भी दिया है, लेकिन फिर भी मैं बेरोजगार हूं.
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