हमारे देश में जहां बेटे की चाहत रखने वाले आपको बहुत सारे लोग मिल जाएंगे। वहीं बहुत कम लोग ऐसे हैं जो बेटी के लिए मन्नत मांगते हैं। दूसरी ओर 21वीं सदी में भी कन्या भ्रूण हत्या एक चिंता का विषय बना हुआ है। इसी बीच झारखंड के बोकारो जिले में एक ऐसा मंदिर भी है जहां लोग लंबी लाइन में लगकर माता के दर्शन करते हैं। देवी मां के दरबार मेें माथा टेकते हैं और कुछ नाक तक रगड़ते हैं और उनसे बेटी का वरदान मांगते हैं। ये मंदिर बोकारो के चास ब्लॉक के चकुलिया गांव में स्थित है।
गांव में दुर्गा माता का 170 साल पुराना मंदिर है। लोगों के बीच यह मंदिर गर्व और विश्वास का स्थान रखता है। सैकड़ों लोग यहां पूजा-अर्चना करने के बाद बेटी का दान मांगते हैं। हर साल गांव में दुर्गा पूजा की शुरुआत 150 साल पुराने तांबे के लोटे में घट स्थापना से होती है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, ‘यहां सालभर लोगों की भीड़ रहता है लेकिन नवरात्रों के दौरान यहां पैर रखने तक की जगह नहीं होती है। लोग सिद्धिदात्री दुर्गा की पूजा करके उनसे बेटी मांगते हैं।’
स्थानीय दंतकथा के अनुसार, सबसे पहले कालीचरण नाम के गावंवाले ने लगभग 150 साल पहले यहां बेटी का वरदान मांगा था और उसकी इच्छा पूरी हो गई। जैसे ही लोगों को इसके बारे में पता चला बहुत से लोग बेटी की इच्छा से यहां पूजा-अर्चना करने के लिए आने लगे। एक ग्रामीण ने कहा, ‘हर साल यहां बहुत से जोड़े बेटी मांगने के लिए आते हैं। बहुत से लोगों की इच्छा देवी पूरी करती हैं और सभी गांववाले पूरी भक्ति और श्रद्धा से माता की पूजा करते हैं।’
हालांकि यहां की दुर्गा पूजा पर महामारी का प्रभाव पड़ा है। एक भक्त ने कहा, ‘हमारा एक बेटा है लेकिन हमें लगा कि बेटी के बिना परिवार अधूरा है। यहां पूजा करने और माथा टेककर, नाग रगड़ी इसके कुछ साल बाद ही हमारे घर बेटी का जन्म हुआ है। मेरा परिवार हर साल दुर्गा पूजा के समय मंदिर आता है ताकि देवी का आभार प्रकट किया जा सके।’
गांव की एक अन्य निवासी ने कहा, ‘माता की कृपा से बेटी मिलने के बाद मैंने उसका नाम भवानी रखा है। मेरी तरह बहुत से लोग, यहां तक की गर्भवती महिलाएं जिन्हें बेटी चाहिए वो यहां आकर माता का आशीर्वाद लेती हैं। मैं अपनी बेटी को सौभाग्यशाली मानती हूं।’