आज पूरी दुनिया क्रिसमस सेलिब्रेट कर रही है लेकिन इंदौर क्रिकेट के लिहाज से इसे काला दिन माना जाता है।
19 साल पहले इसी दिन भारत और श्रीलंका के बीच वनडे मुकाबले को खराब पिच की वजह से महज 18 गेंदों के खेल के बाद रद्द कर दिया गया था। क्रिकेट इतिहास में खराब पिच की वजह से रद्द होने वाला यह पहला इंटरनेशनल मुकाबला था।
वर्ष 1997 में भारत और श्रीलंका के बीच तीन वनडे मैचों की सीरीज का दूसरा मुकाबला इंदौर के नेहरू स्टेडियम पर खेला जा रहा था। मैच की पहले ही गेंद से पिच पर टप्पा खाने के बाद गेंद असामान्य तरीके से उछाल ले रही थी। इस पिच पर बल्लेबाजी करना किसी खतरे से कम नजर नहीं आ रहा था। इस वजह से दोनों कप्तानों की सहमति से मैच को निरस्त करने का फैसला लिया गया था।
क्या हुआ था उस दिन
25 दिसंबर की सर्द सुबह मौसम बिलकुल साफ था और बल्लेबाजी के लिए अनुकूल भी। ऐसे में श्रीलंका के कप्तान अर्जुन राणातुंगा ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया था। पिच से गेंद खतरनाक तरीके से उछाल ले रही थी। श्रीनाथ ने मैच की चौथी गेंद पर कालूविर्थना को क्लीन बोल्ड कर दिया था। कालूविर्थना खाता खोल नहीं पाए थे और टीम का स्कोर एक रन था।
तीन ओवर का खेल होते-होते ऐसे हालात बन गए कि दोनों ही नाबाद बल्लेबाज सनथ जयसूर्या और रोशन महानामा को इस पिच पर बल्लेबाजी करना नामुमकिन लगने लगा था। दोनों बल्लेबाज विकेट पर गेंदबाज को मिल रहे उछाल से हैरान थे और उन्हें चोटिल होने का डर सता रहा था।
श्रीलंकाई कप्तान ड्रेसिंग रूम से पहुंचे मैदान पर
ड्रेसिंग रूम में मौजूद श्रीलंकाई कप्तान अर्जुन राणातुंगा भी मैदान में पहुंच गए। उन्होंने और भारतीय कप्तान सचिन तेंदुलकर ने अंपायरों से लंबी चर्चा की, जिसके बाद मैच आगे जारी नहीं रखने का फैसला लिया गया।
स्टेडियम में मौजूद हजारों दर्शकों के लिए यह फैसला दिल तोड़ने वाला था, जबकि इंदौर के साथ भारतीय क्रिकेट को पूरी दुनिया के सामने शर्मसार होना पड़ा था।
दो साल का प्रतिबंध
आईसीसी ने इस पर बेहद सख्त फैसला लेते हुए नेहरू स्टेडियम पर दो साल का प्रतिबंध लगा दिया था। प्रतिबंध के चार साल बाद 31 मार्च 2001 को इंदौर में फिर से वनडे मैच खेला गया, जिसमें सचिन तेंडुलकर ने शतक जमाते हुए वनडे क्रिकेट के इतिहास में 10 हजार रन बनाने के पहले बल्लेबाज का गौरव हासिल किया था।
अब नेहरू स्टेडियम पर इंटरनेशनल क्रिकेट मुकाबले नहीं होते। उसकी जगह मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने होलकर स्टेडियम के रूप में अपना खुद का मैदान तैयार कर लिया है, जहां अब तक खेले गए सभी चार मैचों में भारतीय टीम ने जीत हासिल की हैं। वहीं, न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच में भारत ने जीत का रिकॉर्ड कायम रखा है।