एजेंसी/ कुआलालंपुर : मलेशिया की एक यूनिवर्सिटी में हिंदुओं को गंदा बताने पर विवाद शुरु हो गया है। टीचिंग माड्यूल के ऑनलाइन पब्लिश में में भारत में रहने वाले हिंदुओं को डर्टी और अनक्लीन बताया गया है। इसके बाद से ही अल्पसंख्यकों में नाराजगी है। मलेशिया की यूटीएम यूनिवर्सिटी मुस्लिम मेजोरिटी वाली है।
ऑनलाइन पोस्ट किए गए इस मैटेरियल में बताया गया है कि हिंदू लोग बॉडी पर गंदगी को निर्वाण प्राप्त करने का धार्मिक जरिया मानते हैं। मॉडयूल में यह भी कहा गया है कि इस्लाम ने ही इंडिया में सिविलिटी को इंट्रोड्यूस किया था।
इसकी एक स्लाइड में सिखों पर भी सवाल खड़े किए गए हैं। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इसे रिव्यू करने की बात कही है। यह फैसला डिप्टी एजुकेसन मिनिस्टर कमलनाथन के कहने पर लिया गया है। कमलनाथन ने इस मसले को अपने फेसबुक पेज पर उठाया था।
हिंदुओं से शांत रहने की अपील करते हुए कमलनाथन ने कहा कि मॉडयूल में जरूरी बदलाव जल्द किए जाएंगे। अफसर मेरी सलाहों को मान रहे हैं और उन्होंने मुझ से वादा किया है कि ऐसी गलतियां दोबारा नहीं की जाएंगी। मिनिस्टर ने यह भी कहा है कि- मॉडयूल को जानबूझकर गलत बनाया गया था।
इसमें मजहबों को गलत तरीके से पेश किया गया था। उन्होने कहा कि वो इस मामले को हायर एजुकेशन मिनिस्ट्री से इस्लामिक और एशियन सिविलाइजेशन स्टडीज मॉडयूल को रिलिजियस एक्सपर्ट द्वारा रिव्यू कराने को भी कहेंगे। इसके बाद ही इन्हें स्टूडेंटस के सामने लाया जाएगा।
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