सभी भारतीय जानते है की भारत की महिलाये बहुत जल्दी चरम सीमा तक नही पहुँचती और जो पहुँचती भी है वो इसे इतना महसूस नही करती है | इसे सभी भारतीयों को जानना आवश्यक है की आखिर ऐसा क्यों है आईये जानते है इसके बारे में ……..
1.बात करने की इजाजत नहीं होती~
आधी से अधिक भारतीय महिलाओं को शुरुआत से ही ये सिखाया जाता है कि सेक्स अच्छी चीज नहीं है और इसके बारे में बोलना व सोचना भी एक बड़ा गुनाह है। इस कारण भारतीय महिलाएं शादी तक सेक्स शब्द से ही दूर रहना बेहतर समझती हैं। यहां तक की भारतीय महिलाएं शादी से पहले अपने प्राइवेट पार्ट्स से संबंधित कुछ भी चीजों को महसूस करना पाप समझती हैं। यही समझ उन्हें शादी के बाद भी इसे खुलकर एंज्वॉय करने में पाबंदी लगा देती है और वे शायद ही ऑर्गज्म कर पाती हैं।
2. मनोवैज्ञानिक रुकावटें~
लड़कियां जब बड़ी हो जाती है तो उनके हंसने और जोर से बोलने में घरवाले टोका-टा
की करने लगते हैं। यहां तक की एक उम्र के बाद लड़कियों के फ्रॉक पहनने, साइकिल चलाने, खेलने और दौड़ने में भी पाबंदी लगा दी जाती है। ये सारी पाबंदियां लड़कियों को अंदर से रोक देती हैं जिनसे वो ताउम्र बाहर नहीं निकल पाती। यही सारी रुकावट उन्हें सेक्स को महसूस करने और उसे एंज्वॉय करने में भी महसूस होती है औऱ वे खुलकर सेक्स एंज्वॉय नहीं कर पातीं।
भारतीय महिलाये क्यों नही पहुचती चरम आनंद तक ,गज़ब दुनिया
3.सेक्स टू-वे कम्यूनिकेशन नहीं~
भारत की आधी से अधिक महिलाओं को शादी करने तक सेक्स के बारे में पूरी जानकारी नहीं होती है। जिस कारण शादी के बाद होने वाला सेक्स महिलाओं के लिए टू-वे कम्यूनिकेशन ना होकर वन-वे ही होता है वो भी पुरुषों की तरफ से ही केवल। और ना ही भारतीय महिलाओं को शादी से पहले इसका अनुभव लेने का मौका मिलता है।
4.पिनाइल इंटरकोर्स काफी नहीं
जिन महिलाओं को शादी से पहले थोड़ी-बहुत सेक्स की जानकारी होती है उनको ये नहीं मालुम होता कि ऑर्गाज्म करने के लिए पिनाइल इंटरकोर्स काफी नहीं है। सेक्स से पहले का फोरप्ले, ब्रेस्ट के प्रेस करना और ओरल सेक्स, ऑर्गाज्म पाने के बेस्ट तरीके होते हैं। जबकि भारतीय महिलाएं शायद ही अपने पार्टनर को ये सलाह दे पाती हैं कि किस तरह का इंटरकोर्स उन्हे पसंद आ रहा है और किस तरह का नहीं।
5.बात करना भी गुनाह
कई बार महिलाएं सेक्सुअल बीमारी जैसे डाइसपारेन्युआ या वजाइना में दर्द के कारण सेक्स को एंज्वॉय करने की जगह सहती है। ऐसे में इस बारे में वो अपने पार्टनर से बात भी नहीं कर पाती क्योंकि भारतीय महिलाओं को सिखाया जाता है कि शादी के बाद उसका एक ही काम है अपने पार्टनर को खुश रखना और अगर उसने ऐसा नहीं किया तो उसका वैवाहिक रिश्ता खत्म हो सकता है। ऐसे में वो अपने परेशानियों के बारे में बात करना भी गुनाह समझती हैं।