
कर्नाटक चुनाव में तीसरी बड़ी ताकत पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा और उनके बेटे एच डी कुमार स्वामी के नेतृत्व वाला जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) को बताया गया है. मौजूदा चुनावी घमासान में उसका किंग मेकर बनना तय है. देखना होगा कि जेडीएस किस पार्टी के साथ गठबंधन करती है? चुनाव प्रचार में बीजेपी के साथ गठबंधन को लेकर जेडीएस का क्या रुख था, यह भी जानना जरूरी है.
चुनाव प्रचार के दौरान जेडीएस प्रमुख व पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने अलग-अलग तरह के बयान दिए थे लेकिन बीजेपी को लेकर उनका रुख नरम नहीं रहा. उन्होंने हर बार यही कहा कि वह बीजेपी के साथ कोई गठबंधन नहीं करेंगे. हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान 2 मई को देवगौड़ा की प्रशंसा भी की थी. पीएम मोदी ने कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा ने दिल्ली में जब भी उनसे वक्त मांगा, मैं मिला. देवगौड़ा जब घर आते हैं तो मैं उनकी गाड़ी का दरवाजा खोलकर उनका स्वागत करता हूं. जब वे जाते हैं तो मैं उनको गाड़ी में बैठाकर आता हूं. वे हमारे राजनीतिक विरोधी हैं, लेकिन वे हमारे सम्मानीय नेताओं में से एक हैं.
इस बयान के बाद जब देवगौड़ा से प्रतिक्रिया ली गई तो उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री ने जो कहा है वही काफी है. लेकिन बीजेपी के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा. अगर देवगौड़ा का यही रवैया रहा तो बीजेपी को झटका लग सकता है. हालांकि, राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं होता और कुछ भी हो सकता है.
बीजेपी ने जेडीएस को कम किया था टारगेट
पूरे चुनाव प्रचार के दौरान सिद्धारमैया और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी शुरू से ही जेडीएस को बीजेपी की बी-टीम बताते रहे. लेकिन बीजेपी ने जेडीएस को खुलकर निशाने पर नहीं लिया. यानी बीजेपी शुरु से ही रिश्तों की गुजाइंश बनाए रही है. वहीं, देवगौड़ा ने मुस्लिम वोटर को ध्यान में रखते हुए बीजेपी से गठबंधन की संभावना को हमेशा इनकार किया. देवगौड़ा ने यह तक कह दिया था कि अगर उनके बेटे कुमारस्वीमी बीजेपी के साथ गए तो वह रिश्ता तोड़ लेंगे.
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