पृथ्वी से महज 96 किमी ऊपर के अंतरिक्ष क्षेत्र को अब तक अच्छी तरह नहीं समझा जा सका है। अब नासा इसके लिए दो मिशन लांच करने की तैयारी में है। पहला मिशन इसी महीने और दूसरा अगले साल अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने गुरुवार को एलान किया कि ‘ग्लोबल-स्केल ऑब्जर्वेशन ऑफ द लिम्ब एंड डिस्क’ (गोल्ड) मिशन को जनवरी 2018 में लांच किया जाएगा। वहीं अंतरिक्ष यान ‘आयनोस्फेयरिक कनेक्शन एक्सप्लोरर’ (आइकान) को अगले साल अंतरिक्ष में रवाना किया जाएगा। ये दोनों मिशन धरती और अंतरिक्ष की सीमा के बीच वाले क्षेत्र यानी आयनमंडल (आयनोस्फेयर) की पड़ताल करेंगे।
इसी मंडल में सूर्य के विकिरण से अणु विद्युत आवेशित इलेक्ट्रॉन और आयन के संपर्क में आते हैं। धरती से प्रेषित रेडियो तरंगें भी इसी मंडल से परावर्तित होकर दोबारा पृथ्वी पर लौट जाती हैं। इसलिए विमानों, समुद्री जहाजों और ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) उपग्रहों में रेडियो सिग्नलों के इस्तेमाल के लिए इस मंडल में मानवीय दबदबा बढ़ता जा रहा है। नासा ने कहा कि दोनों मिशन एक-दूसरे के पूरक हैं।
आइकान मिशन 560 किमी ऊपर से धरती की परिक्रमा करेगा। यह आयनमंडल के पास से उड़ान भरेगा। जबकि गोल्ड भू-भौगोलिक कक्षा यानी वेस्टर्न हेमिस्फिर से धरती की परिक्रमा करेगा। यह क्षेत्र धरती की सतह से करीब 35 हजार किमी ऊपर है। यह अंतरिक्ष यान आयनमंडल की पूरी आकृति तैयार करेगा। ये दोनों मिशन उस समय एक-दूसरे का सहयोग कर भी सकते हैं जब आइकान गोल्ड के पास से गुजरेगा।