श्री कृष्णा की वैसे तो कई कथाएं हैं जो आपने पढ़ी और सुनी होंगी लेकिन आज हम आपको वह कथा बताने जा रहे हैं जो आपने शायद ही पढ़ी या सुनी होगी। यह कथा श्री कृष्णा और राधा रानी की है। बहुत कम लोग जानते हैं कि आखिर क्यों श्री कृष्णा ने राधा रानी से शादी नहीं की थी। आज हम आपको बताने जा रहे हैं इसकी वजह।

आखिर क्यों श्री कृष्णा ने राधा रानी से नहीं की शादी- कुछ विद्वानों के मुताबिक, राधा-कृष्ण की कहानी मध्यकाल के अंतिम चरण में भक्ति आंदोलन के बाद लोकप्रिय हुई। उस समय के कवियों ने इस आध्यात्मिक संबंध को एक भौतिक रूप दिया। पुराने समय में रुक्मिनी, सत्यभामा, समेथा श्रीकृष्णामसरा प्रचलित थी जिसमें राधा का कोई जिक्र नहीं मिलता है। वहीं देवकी पुत्र श्रीकृष्ण कुछ समय तक गोकुल में रहे और उसके बाद वृंदावन चले गए थे। कहा जाता है श्रीकृष्ण राधा से 10 साल की उम्र में मिले थे। उसके बाद वह कभी वृंदावन लौटे ही नहीं। हालाँकि कहीं भी यह जिक्र नहीं मिलता कि राधा ने कभी द्वारका की यात्रा की हो। दक्षिण भारत के प्राचीन ग्रन्थों में राधा का कोई उल्लेख नहीं मिलता है।
एक मत यह भी है कि राधा ने श्रीकृष्ण से विवाह करने से मना कर दिया था क्योंकि उन्हें लगता था कि वह महलों के जीवन के लिए उपयुक्त नहीं हैं। जी दरअसल राधा एक ग्वाला थीं, जबकि लोग श्रीकृष्ण को किसी राजकुमारी से विवाह करते हुए देखना चाहते थे।
कहा जाता है श्रीकृष्ण ने राधा को समझाने की कोशिश की लेकिन राधा अपने निश्चय में दृढ़ थीं। वहीं एक अन्य प्रचलित व्याख्या के मुताबिक, राधा ने एक बार श्रीकृष्ण से पूछा कि वह उनसे विवाह क्यों नहीं करना चाहते हैं? तो भगवान श्रीकृष्ण ने राधा को बताया कि कोई अपनी ही आत्मा से विवाह कैसे कर सकता है? श्रीकृष्ण का आशय था कि वह और राधा एक ही हैं। उनका अलग-अलग अस्तित्व नहीं है।
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