तमिलनाडु। इन दिनों एक पर्व को लेकर बहुत चर्चा हो रही है। क्या आप जानते हैं वह क्या है, जी हां, वह है जलीकट्टू, अब जलीकट्टू पर प्रतिबंध लगा तो कुछ लोग असहमत हो गए और आयोजन को लेकर प्रदर्शन करने लगे। ऐसे लोगों के प्रदर्शन को रोकने के लिए लगी पुलिस और व्यवस्थापकों ने प्रदर्शनकारियों को जली कटी सुना दी। मगर इस मामले में केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनोे ही अपने प्रयासो में लगे हैं। मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के अध्यादेश को स्वीकृति दी है। इसके बाद आयोजकों को कुछ राहत मिलती नज़र आ रही है। गौरतलब है कि सरकार ने न्यायालय से इस मामले में कोई भी आदेश देने से कुछ दिन की रोक लगाने की अपील की थी। राज्य सरकार के अध्यादेश को स्वीकृति देने के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले में कहा कि तमिलनाडु की समृद्ध संस्कृति पर हमें गर्व है।
तमिलों की संस्कृति आकांक्षाओं को पूर्ण करने के लिए हर तरह से प्रयासरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले में ट्विट कर लिखा कि केंद्र सरकार हर तरह से तमिलनाडु की तरक्की चाहती है और यहां की प्रगति के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। गौरतलब है कि राज्य में हर कहीं इस उत्सव के तहत होने वाले खेल को प्रतिबंधित करने के विरूद्ध बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए गए।
इतना ही नहीं बड़े पैमाने पर प्रदर्शनकारियों को पकड़ा गया। अब इस मामले मे यह बात सामने आ रही है कि गृहमंत्रालय इस मसले पर पर्यावरण मंत्रालय व कानून मंत्रालय से सलाह मांग रहा है तो दूसरी ओर इसे महामहिम राष्ट्रपति के पास भी भेजा जा रहा है। गौरतलब है कि पशु क्रूरता अधिनियम के तहत इस आयोजन को प्रतिबंधित कर दिया गया था।
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