जीवन का सबसे बड़ा सच है मृत्यु। इस सच को हम सभी जानते हैं लेकिन इसे मानने को कोई तैयार नहीं रहता। श्रीमद् भागवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि इंसान का शरीर नश्वर है, केवल आत्मा अमर है। इसलिए जिसने जन्म लिया है, उसकी मृत्यु तो अवश्य होगी। ऐसे में हिन्दू धर्म में जब किसी की मृत्यु होती है तो उसके बाद उसका अंतिम संस्कार किया जाता है।
अगर किसी की अंतिम यात्रा में शामिल हो रहें है तो कोशिश करें की शव को कंधा अवश्य दें। ऐसा करने से पुण्य में वृद्धी होगी। ऐसा करने से व्यक्ति के पुराने पाप नष्ट होते हैं। इसलिए जब भी शव यात्रा में शामिल हो तो शव को कंधा जरूर देते हैं।
कभी कभी हमारे साथ ऐसा होता है कि हम समय की कमी के कारण अंतिम यात्रा में शामिल नहीं हो पातो तो ऐसे में जब भी शवयात्रा दिखे तो दो मिनट के लिए रुक जाना और शांत रहें। ऐसे में पहले शवयात्रा को निकलने दें। उस समय आत्मा को शांति के लिए प्रार्थना करें।
जब भी किसी की शवयात्रा पर जाएं तो राम नाम का जाप जरुर करें। श्रीरामचरित मानस में राम नाम का जाप करने से शिवजी प्रसन्न होते हैं। हिन्दू मान्यता के अनुसार मृत्यु के बाद आत्मा शिवजी में विलीन हो जाती है।
- जब भी किसी शवयात्रा को देखे तो उस समय मौन रहें। इसके साथ ही अगर किसी शवयात्रा को देखें तो उस समय कार या बाइक का हॉर्न न बजाना। दो मिनट शांत रह कर मृत्क की आत्मा के लिए आपना आदर और सम्मान प्रकट करें।