Chhattisgarh Monsoon Session 2022: छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के छठवें दिन की शुरुआत हंगामे के साथ हुई। विपक्ष के हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।प्रश्नकाल में अनियमित कर्मचारियों के मुद्दे पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया।
छत्तीसगढ़ सरकार के विरुद्ध विपक्ष की तरफ से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बुधवार को सदन में चर्चा होगी। लगभग पौने चार वर्ष के कार्यकाल में बघेल सरकार के विरुद्ध यह पहला अविश्वास प्रस्ताव है। इस पर सदन में दोपहर करीब साढ़े 12 बजे के बाद चर्चा शुरू होगी। हालांकि संख्या बल के हिसाब से प्रस्ताव का गिरना तय है, लेकिन इस पर चर्चा के दौरान सदन में दोनों तरफ से तीखे हमले होने की उम्मीद है। बता दें कि बुधवार को ही मानसून सत्र का अंतिम दिन भी है।
अविश्वास प्रस्ताव से निपटने की रणनीति पर मंथन
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में अविश्वास प्रस्ताव से निपटने की रणनीति पर मंथन किया गया। विधानसभा में 27 जुलाई को विपक्ष की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी। विधायक दल की बैठक में कांग्रेस विधायकों को सरकार के कामकाज की जानकारी दी गई। विपक्ष के आरोपों का जवाब देने के लिए विधायकों और मंत्रियों को तैयार किया गया। कांग्रेस सरकार आने के बाद विधानसभा में विपक्ष की ओर से पहला अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जाएगा। ऐसे में सरकार की कोशिश है कि विपक्ष के हर आरोप का दमदारी से जवाब दिया जाए। विधायक दल की बैठक में मंत्री टीएस सिंहदेव शामिल नहीं हुए। सिंहदेव अभी भोपाल में डेरा डाले हुए हैं।
सरकार की तरफ से मंत्री रविंद्र चौबे, मोहम्मद अकबर और शिव डहरिया मोर्चा संभालेंगे। वहीं, पहली बार के विधायकों को विशेष रूप से जिम्मेदारी दी गई है। कांग्रेस के करीब 40 विधायकों के लिए अविश्वास प्रस्ताव का पहला अनुभव होगा। ऐसे में सरकार कोई कोर-कसर छोड़ने को तैयार नहीं है। कांग्रेस विधायकों ने बताया कि मंत्रियों ने अपने-अपने विभाग की योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। गांव, गरीब और किसानों के लिए संचालित योजनाओं पर विशेष फोकस किया गया। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा के बारे में भी विधायकों को जानकारी दी गई।