नई दिल्ली : यह बड़ी हैरत की बात है, कि 9 महीने पहले राजनीतिक दलों को चंदा देने में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार द्वारा चुनावी बॉन्ड जारी किए जाने की घोषणा की गई थी. लेकिन इससे चुनाव आयोग और रिजर्व बैंक जैसे प्रमुख संस्थान ही अंजान है . यह खुलासा आरटीआई के एक आवेदन से हुआ है.
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चालू वित्त वर्ष का बजट पेश करते हुए इस साल 1 फरवरी को चुनावी बॉन्ड की घोषणा की थी. तब इस योजना के बारे में कहा गया था कि कोई दानदाता अधिकृत बैंक से बॉन्ड खरीद सकता है, लेकिन इसके लिए भुगतान चैक व डिजिटल माध्यम से ही करना होगा.
बता दें कि इस बाबत जानकारी लेने के लिए वेंकटेश नायक नामक व्यक्ति ने एक आरटीआई आवेदन चुनाव आयोग के यहां दिया. इसके जवाब में आयोग ने कहा कि उसके पास इस बारे में कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं है, वहीँ रिजर्व बैंक से चुनावी बॉन्ड की मसौदा योजना के बारे में जानकारी मांगे जाने पर केंद्रीय बैंक ने भी कहा कि हमारे पास इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. इससे घोषणाओं के क्रियान्वयन की स्थिति का पता चलता है.
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