एक ओर जहां अंडे के सेवन को लोग सर्दी के मौसम में फायदेमंद बताते हैं तो जाहिर सी बात हैं कि कई लोग रोज अंडे का सेवन कर रहे हैं।
वहीं एक चौंकाने वाली खबर आ रही है भारतीय बाजार में चाइनीज अंडों की बड़ी खेप पहुंची है, और ये अंडे नकली हैं। ऐसे में हो सकता है कि आप जो अंडा खा रहे हों वह चाइनीज और नकली हो।
आये दिन बाजार में बिकने वाली वस्तुओं में मिलावट की खबरें आती रहती हैं। लेकिन कभी किसी ने ये ना सोचा नही होगा की मुर्गी के अंडो में भी मिलावट हो सकती है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, बाजार में चाइनीज अंडे पहुंच गए हैं। जिसके कारण केन्द्र सरकार ने भी सभी राज्यों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है।
दरअसल हुआ कुछ यूँ है कि, सोशल मीडिया पर कई दिनों से एक पोस्ट वायरल हो रहा था, जिसमें भारतीय बाजार में चाइनीज अंडों की बड़ी खेप पहुंचने का जिक्र हुआ है। उसी पोस्ट से चिंतित सरकार ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि इन बातों को अफवाह ना मानते हुए नकली अंडे को लेकर सतर्क रहें।
दरअसल चाइनीज अंडे को लेकर पूरे देश में एक मुहिम चल रही है जिसके तहत बताया जा रहा है कि चीन से नकली अंडा भारत भेजा जा रहा है जिसमें घातक रसायन होते हैं। देश के डॉक्टर भी इस बात को मान रहे हैं कि सोशल मीडिया पर जिस चाइनीज अंडे की बात फैल रही है वो अगर सच है तो उसमें पाए जाने वाले रसायन सेहत के लिए बहुत हानिकारक हैं।
कैसे बनाया जाता है नकली अंडा:
बाहरी हिस्सा- नकली अंडे के बाहरी हिस्से को जिप्सम के चूर्ण, कैल्सियम कार्बोनेट और तेल युक्त मोम की सहायता से बनाया जाता है। इसके अंदर वाले पीले हिस्से को बनाने के लिए जिलेटिन, सोडियम एल्गिनाइट, और कैल्शियम की मदद से बनाया जाता है। कैल्सियम की मात्रा उतनी ही होती है जितना एक मनुष्य खा सकता है। और इसका रंग बिल्कुल असली अंडे की तरह होता है इसलिए इसकी पहचान कर पाना कठिन है।
गरम गुनगुने पानी में उचित मात्रा में सोडियम एल्गिनाइट मिलाया जाता है। उसके बाद जिलेटिन, बेंजोइक अम्ल, एल्यूम और कुछ दूसरे रसायनों के साथ मिलाकर अंडे का सफेद हिस्सा तैयार किया जाता है। उसके बाद इस मिश्रण में कैल्शियम क्लोराइड डाल कर उसे अंडों के आकार में ढाल दिया जाता है। कृत्रिम अंडा केवल रासायनिक पदार्थों से तैयार होता है जो सेहत के लिए नुकसानदेह है।
पहचान करने का तरीका:
कृत्रिम अंडे का बाहरी छिल्का हल्के भूरे रंग का और खुरदुरा होता है, जबकि असली अंडा चिकना होता है। उबालने के बाद कैल्शियम कार्बोनेट का आवरण तोड़ने पर कृत्रिम अंडे का भीतरी हिस्सा असली की तुलना में कड़ा होता है। पीला भाग गेंद की तरह हो जाता है और थोड़ी ऊंचाई से छोड़ने पर गेंद जैसा उछलती भी है। यह धारदार वस्तु से ही कटता है। नकली अंडे के भीतर से सामान्य अंडे जैसा ही पदार्थ निकलता है लेकिन इसे खुला छोड़ने पर मक्खी और अन्य कीड़े उसके पास नहीं आते।
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