विमुद्रीकरण के चलते आई अस्थाई मंदी के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था चीनी अर्थव्यवस्था की तुलना में अधिक वृद्धि करेगी। भारतीय मूल के शिक्षाविद एवं सिंगापुर के पूर्व राजनयिक ने शनिवार को विश्व भर के प्रमुख विश्वविद्यालयों के शिक्षाविदों को संबोधित करते हुए इस बात की संभावना जताई है।

नेशनल यूनिवर्सिटी में पब्लिक पॉलिसी के ली कुआन यू स्कूल के डीन किशोर महबूबनी ने कहा, ‘हालांकि विमुद्रीकरण के चलते अस्थाई मंदी जैसी स्थिति आई है लेकिन इसकी वजह से भारत की बढ़ती आर्थिक व्यवस्था पर कोई प्रभाव नही पड़ने वाला।’ उन्होंने नोटबंदी को भारत की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा बताया है।
किशोर के मुताबिक लंबे समय के बाद नोटबंदी के बेहतर परिणाम देखने को मिलेंगे। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के चलते काला धन अर्थव्यवस्था में वापस लौटा है। और निश्चित ही यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा है। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को गतिशील बताया और चीन की आर्थिक व्यवस्था से आगे निकलने की बात कही। इस सम्मेलन में वैश्विक रुझान में बदलाव के विषय पर भी चर्चा हुई। इस सम्मेलन में विश्व की प्रमुख यूनिवर्सिटी के शिक्षाविद मौजूद रहे।
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