नई दिल्ली: चीनी जासूसी मामले में पकड़ी गई महिला ने एक बड़ा खुलासा किया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पीएमओ के शीर्ष अधिकारियों के साथ, दलाई लामा और भारत में स्थापित सुरक्षा उपकरण भी इस चीनी जासूस के निशाने पर थे। चीनी जासूस हवाई अड्डे पर स्थापित सुरक्षा को भी तोड़ना चाहते थे।
दिल्ली में पकड़ी गई चीनी महिला जासूस से पूछताछ में यह बड़ा खुलासा हुआ है। इस महिला को चीनी भाषा में जरूरी दस्तावेजों का अनुवाद करना था और उन्हें चीनी कम्युनिस्ट नेता की पत्नी को भेजना था। महिला चीन की गुप्त एजेंसियों के संपर्क में थी। दिल्ली पुलिस ने पिछले महीने एक छापे के दौरान इस चीनी महिला को गिरफ्तार किया था।
इस जासूसी नेटवर्क में चीनी महाबोधि मंदिर के एक प्रमुख बौद्ध भिक्षु और कोलकाता की एक प्रभावशाली महिला के शामिल होने की भी खबर है। चीनी जासूस किंग शी पास से मिले दस्तावेजों के अनुसार, पीएमओ अधिकारी और दलाई लामा के हर मूवमेंट के बारे में जानकारी ली जा रही थी। यह सब किंग शी नाम के एक चीनी जासूस से पूछताछ के दौरान सामने आया, जो इस समय दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है।
दलाई लामा कब और कहां किससे मिलते हैं-
जानकारी के अनुसार, दलाई लामा कहां और किससे मिलते हैं। दलाई लामा का इलाज करने वाले डॉक्टरों के नाम, बोधगया में दलाई लामा को भर्ती क्यों नहीं किया जाता है, दलाई लामा को किस अस्पताल में भर्ती कराया जाता है, दवाओं के नाम जिसे दलाई लामा लेते हैं, उनके विदेश जाने, उनके नमक और उस समय के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया गया कि वह कब दवाई लेते हैं।
बता दें कि कथित तौर पर यह लड़की एक फॉर्म कंपनी में काम कर रही थी और उसके साथ एक नेपाली सहकर्मी और एक पत्रकार के साथ गिरफ्तार किया गया था। जब लड़की से पूछताछ की तो उसने बताया कि चीनी जासूसी एजेंसियां भारत के शीर्ष कार्यालयों की जासूसी करने की कोशिश कर रही हैं। जिसके लिए उन्होंने कई लोगों को काम पर रखा है। पूछताछ में यह भी पता चला की लड़की को जासूसी के काम के लिए 1 लाख रुपये मिल रहे थे। यह भी पता चला कि लड़की को कोलकाता में एक महिला को दस्तावेज पहुंचाने थे।